मध्य प्रदेशराजनीतिनेशनलअपराधकाम की बातहमारी जिंदगीधरम करममनोरंजनखेल-कूदवीडियोधंधे की बातपढ़ाई-रोजगारदुनिया

पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ वकीलों ने खोला मोर्चा, आरोपी किसानों की पैरवी नहीं करेगा MP High Court बार एसोसिएशन

MP Stubble Burning Cases जबलपुर: खेतों में पराली जलाने पर शासन प्रशासन की सख्ती का किसानों पर असर कितना पड़ रहा है, ये तो देश के कई राज्यों से जो आए दिन तस्वीरें सामने आ रही हैं उसे देख...
10:33 AM Nov 20, 2024 IST | Dr. Surendra Kumar Kushwaha

MP Stubble Burning Cases जबलपुर: खेतों में पराली जलाने पर शासन प्रशासन की सख्ती का किसानों पर असर कितना पड़ रहा है, ये तो देश के कई राज्यों से जो आए दिन तस्वीरें सामने आ रही हैं उसे देख के समझा जा सकता है। लेकिन, मध्य प्रदेश में किसानों के पराली जलाने पर प्रशासनिक सख्ती के अलावा अब वकीलों ने भी मोर्चा खोल दिया है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (Madhya Pradesh High Court Bar Association) के तमाम वकीलों ने ऐसे किसानों के लिए पैरवी नहीं करने का फैसला किया है, जिनके खिलाफ पराली जलाने के तहत मुकदमे दर्ज होंगे और मामले सुनवाई के लिए कोर्ट पहुंचेंगे।

पराली जलाने वाले किसानों की पैरवी नहीं करेंगे वकील

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट डी. के. जैन  ने कहा है, "एसोसिएशन की कार्यकारिणी सभा की बैठक में पराली जलाने वाले किसानों (MP Stubble Burning Cases) के लिए पैरवी नहीं करने का निर्णय लिया गया है। मसलन मध्य प्रदेश में रोक के बावजूद भी यदि किसानों द्वारा खेतों में पराली जलाई गई और किसानों पर पुलिस प्रकरण दर्ज होते है तो संबंधित आरोपी किसानों के लिए कोई भी वकील पैरवी नहीं करेगा। यह फैसला पराली जलाने के कारण पर्यावरण प्रदूषण और आम जनजीवन पर इसके बढ़ते खतरों पर गहन विचार मंथन के बाद लिया गया है।"

पराली जलाने के कारण जनजीवन प्रभावित

एमपी हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सीनियर एडवोकेट और पर्यावरणीय चिंतकों (MP Stubble Burning Cases) के मुताबिक, पराली जलाने में मध्य प्रदेश, देशभर में पहले पायदान पर है। पराली जलाने के कारण हरियाणा, पंजाब और दिल्ली जैसे राज्यों में आम जनजीवन इस कदर प्रभावित है कि सांस लेना मुश्किल हो रहा है। पराली जलाने से खेतों के सूक्ष्म जीव-जंतुओं की मौत होने से जमीन की उर्वरक शक्ति खत्म हो जाती है।

पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ वकीलों का मोर्चा

खेतों की उर्वरता नष्ट होने के कारण किसानों को अधिक रासायनिक खाद (Stubble Burning in MP) का उपयोग करना पड़ता है, जिसके कारण पैदा होने वाली उपज में अत्याधिक रसायन होने से मानव स्वास्थ्य पर घातक दुष्प्रभाव पड़ रहा है। इस गंभीर समस्या के संबंध में न्यायालय और सरकार ने समय-समय पर कई अहम दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं। ऐसे में वकीलों द्वारा आरोपी किसानों की कोर्ट में पैरवी नहीं करने को सामाजिक चिंतन के साथ इस दिशा में सार्थक पहल के रूप में देखा जा रहा है।

ये भी पढ़ें: जोबट कांग्रेस विधायक का बेटा गुजरात से गिरफ्तार, युवती को खुदकुशी के लिए उकसाने का है आरोप

ये भी पढ़ें: Lady Cry Collectorate: कलेक्ट्रेट में फफक-फफक कर रोई महिला, पीड़ा सुन कलेक्टर ने दिलाया न्याय का भरोसा

Tags :
Action Against farmersBar Association Big DecisionFarmers in MPmadhya pradesh high courtMadhya Pradesh High Court Bar AssociationMP High CourtMP High Court JabalpurMP Stubble Burning CasesStubble Burning in MPStubble Burning Pollutionएमपी हाईकोर्ट बार एसोसिएशनपरालीपराली जलाने वाले किसानमध्य प्रदेश हाईकोर्टमध्य प्रदेश हाईकोर्ट बार एसोसिएशन

ट्रेंडिंग खबरें

Next Article