Ujjain Nameplate Controversy: उज्जैन में भोजनालयों के बाहर नाम और मोबाइल नंबर लिखने के आदेश, जुर्माने का भी प्रावधान
Kanwar Yatra Order: उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra Order) मार्ग में दुकानदारों को अपने प्रतिष्ठानों पर नाम लिखने का विवाद अभी शांत भी नहीं था कि अब मध्य प्रदेश में इस प्रकार के आदेश ने विवाद को और हवा दे दी है। उज्जैन नगर निगम (Ujjain Municipal Corporation) ने प्राचीन शहर में दुकान मालिकों को अपने प्रतिष्ठानों के बाहर अपने नाम और मोबाइल नंबर प्रदर्शित (Ujjain Nameplate Controversy) करने का निर्देश जारी किया है। आइए इस खबर के बारे में और अधिक जानते हैं।
आदेश नहीं मानने वालों पर लगेगा जुर्माना:
इस आदेश का उल्लंघन करने वालों को पहली बार अवमानना करने पर 2,000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। दूसरी बार इस आदेश की अवहेलना करने पर 5,000 रुपए का जुर्माना तय किया गया है। उज्जैन नगर निगम के अनुसार, इस आदेश का उद्देश्य सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है और मुस्लिम दुकानदारों को निशाना बनाना नहीं है।
उज्जैन में काफी पहले से लागू है ये नियम- मेयर:
उज्जैन के मेयर मुकेश टटवाल ने कहा, "उज्जैन की मेयर इन काउंसिल ने 26 सितंबर, 2002 को दुकानदारों को अपना नाम प्रदर्शित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इसके बाद निगम सदन ने इसे आपत्तियों और औपचारिकताओं के लिए राज्य सरकार को भेज दिया था। सभी औपचारिकताएं पहले ही पूरी हो चुकी हैं। नाम पट्टिकाओं का आकार और रंग एक जैसा होना अनिवार्य था, इसलिए इसे लागू करने में देरी हुई। अब हमने इन शर्तों में ढील दी है। दुकानदारों के नाम और मोबाइल नंबर प्रदर्शित करना ही पर्याप्त होगा।"
हर ग्राहक को दुकानदार के बारे में जानने का हक- मेयर:
टटवाल ने जोर देकर कहा, "यह उपाय एमपी शॉप एस्टेब्लिशमेंट एक्ट या गुमास्ता लाइसेंस में निहित है और यह ग्राहकों की सुरक्षा बढ़ाने का काम करता है। उज्जैन एक धार्मिक और पवित्र शहर है। लोग यहां धार्मिक आस्था के साथ आते हैं। उन्हें उस दुकानदार के बारे में जानने का अधिकार है जिसकी सेवाएं वे ले रहे हैं। अगर कोई ग्राहक असंतुष्ट है या उसके साथ धोखा हुआ है, तो दुकानदार का विवरण जानने से उन्हें राहत मिल सकती है।"
कुंभ मेला 2028 में उज्जैन में सिंहस्थ (कुंभ) मेला आयोजित किया जाएगा, जो हर 12 साल में आयोजित होने वाला एक महत्वपूर्ण धार्मिक मेला है। यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश में हाल ही में दिए गए निर्देश को दर्शाती है, जहां कांवड़ यात्रा मार्ग पर सभी भोजनालयों को मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के लिए कहा गया था।
पूरे उत्तर प्रदेश में लागू हुआ नियम:
इससे पूर्व उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को इस आदेश को पूरे राज्य में लागू कर दिया। इस मुद्दे पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उनके राज्य में भी इसी तरह के निर्देश पहले से ही लागू हैं। इस आदेश की विपक्षी दलों और सत्तारूढ़ गठबंधन के कुछ सदस्यों ने आलोचना की है, जिनका तर्क है कि यह मुस्लिम व्यापारियों को लक्षित करता है।
यह भी पढ़ें: