मध्य प्रदेशराजनीतिनेशनलअपराधकाम की बातहमारी जिंदगीधरम करममनोरंजनखेल-कूदवीडियोधंधे की बातपढ़ाई-रोजगारदुनिया

Nimad News: बेटे ने जीते जी मां को अंगदान करने की बात कही तो मृत्यु पश्चात् मिला 7 लोगों को नया जीवन

Nimad News: बच्चे के शरीर पर जरा सी चोट लगने पर भी माता-पिता की रूह कांप उठती है लेकिन मध्यप्रदेश के निमाड़ के कसरावद तहसील के एक छोटे से गांव सांगवी (खामखेड़ा) में रहने वाले माता-पिता ने अपने मृत बेटे...
02:41 PM Aug 01, 2024 IST | Sunil Sharma

Nimad News: बच्चे के शरीर पर जरा सी चोट लगने पर भी माता-पिता की रूह कांप उठती है लेकिन मध्यप्रदेश के निमाड़ के कसरावद तहसील के एक छोटे से गांव सांगवी (खामखेड़ा) में रहने वाले माता-पिता ने अपने मृत बेटे के अंग दान कर 7 लोगों को नया जीवन दिया है।

सांगवी की निवासी सुशीला बाई मीयदे तथा उसके पति अम्बाराम मीयदे के दो पुत्र थे। दम्पति का बड़ा बेटा विशाल ग्रेजुएशन के बाद डीएड की परीक्षा देने गया हुआ था। परीक्षा केन्द्र पर सिरदर्द की गंभीर शिकायत होने पर स्कूल प्रबंधन ने उसे पास स्थित शासकीय जिला चिकित्सालय खरगौन में भर्ती करवा दिया। बेटे के अस्पताल में होने की खबर परिवार को मिली तो वे उसे लेकर इंदौर के निजी अस्पताल में ले गए जहां उसकी मृत्यु हो गई।

बेटे को पहले ही हो गया था अंतिम समय का आभास

विशाल को वास्तव में ब्रेन की बीमारी थी, इसके लिए वह उपचार भी करवा रहा था। अपनी बीमारी के बारे में वर्ष 2018 में ही पता लग गया था। उसी समय उसे लगा था कि शायद उसका जीवन अधिक समय तक न चले। ऐसे में उसने अपनी मां सुशीला मीयदे को कहा था कि जब कभी मेरी मृत्यु हो तो मेरे मृत शरीर के स्वस्थ अंगों को जरुरतमंदों को दान कर दिया जाए। विशाल की मृत्यु होने पर मां सुशीला ने उसकी अंतिम इच्छा पिता अम्बाराम को भी बताई जिसने सहमति दे दी।

माता-पिता ने अस्पताल से भी इस संबंध में बात की जिस पर उन्होंने विशाल के मृत शरीर से सात अंग निकाल कर दान किए। इन अंगों में लीवर, हार्ट, आंत, दोनों फेफडे एवं दोनों किड़नीयां शामिल थी। इन्हें अहमदाबाद, मुंबई, चेन्नई तथा सूरत स्थित अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती मरीजों के अंग प्रत्यारोपण के लिए भेजा गया, जहां जरूरतमंदों के शरीर में प्रत्यारोपित कर दिया गया।

प्रत्यारोपण के लिए निकाले गए अंगों की परिवार ने की पूजा

जब विशाल के अंगों को प्रत्यारोपण के लिए ऑपरेशन थिएटर से बाहर निकाला गया तो उसके माता-पिता एवं परिजनों ने अंगों की पूजा कर उन्हें अंतिम विदाई दी। बाद में विशाल की पार्थिव देह को निज निवास सांगवी लाकर अंतिम संस्कार किया गया। उसके पिता अम्बाराम ने कहा कि यदि हमारे मानव अंग किसी जरूरतमंद के काम आ सके और उसे एक नया जीवन मिल सके तो यह हमारे लिए सौभाग्य की बात होगी, साथ ही हम कह सकते हैं कि हमारा परिजन अभी भी जीवित है।

Tags :
angdaanMP newsMP News in HindiNimad newssangvi newsyouth body parts donate

ट्रेंडिंग खबरें

Next Article