Nitin Gadkari: नितिन गडकरी ने अधिकारियों पर ली चुटकी, कहा- सड़कों का डीपीआर बनाने वालों को मिले पद्मश्री और पद्मभूषण
Nitin Gadkari: भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सड़क और पुल निर्माण में नई तकनीकों पर दो दिवसीय सेमिनार का शुभारंभ हुआ। केंद्रीय केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गड़करी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस सेमिनार का शुभारंभ किया। सेमिनार के दौरान गड़करी ने कहा कि आज पीएम सड़क योजना जिससे हर गांव जुड़ गया है, वह अटल बिहारी वाजपेई की देन तो है लेकिन इसके पीछे प्रदेश के पूर्व सीएम सुंदरलाल पटवा का हाथ है। उन्होंने ही सबसे पहले सुझाया था कि गांवों को जोड़ने के लिए कोई स्कीम लाई जाए। इस पर भी अधिकारियों ने काफी पेंच और अड़ंगा लगाया। मेरा सुझाव भी मांगा गया और मैंने अपना सुझाव दिया, जिसे स्वीकार कर लिया गया और आज देश का हर गांव सड़क से जुड़ गया है।
अधिकारियों द्वारा बनाई जाने वाली DPR पर भी बोले गड़करी
गडकरी अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने सड़कों के लिए डीपीआर बनाने वाले अधिकारियों को जमकर लताड़ लगाई। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को पद्मश्री और पद्मभूषण मिलना चाहिए। ये लोग बहुत गंदे तरीके से काम करते हैं। मैंने एक रोड़ के बारे में जानकारी ली तो पता चला कि टॉवर हटाने के लिए 40 करोड़ रुपए चाहिए तो उन्होंने कहा कि उसकी क्या जरूरत है, पास से बायपास ले लो। ज्यादा पूछा तो अधिकारी बोले की DPR ही ऐसा बना है इसलिए दिक्कत आ रही है। गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा कि ये लोग घर बैठे ही डीपीआर बनाते हैं और गूगल से डीपीआर बना लेते हैं। उन्होंने सीएम मोहन यादव को सलाह दी कि आप अपने इंजीनियरिंग के बच्चों को इस काम में लगाइए। इससे उनका अनुभव बढ़ेगा और डीपीआर की कलई भी खुलकर सामने आएगी।
सीएम मोहन यादव ने भी कही यह बात
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सेमिनार से मध्यप्रदेश के इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास को नई गति मिलेगी और यह आयोजन राज्य की निर्माण परियोजनाओं को और सफल बनाने में सहायक होगा। नए तकनीक से डेम बनाने का अच्छा उदाहरण भोपाल का बड़ा तलाब है। राजा भोज के समय इस डेम को बनाया गया था। पुराने अनुभव को नई तकनीक को जोड़ा जाता है, ये बड़ा ही महत्वपूर्ण है। सीएम ने आगे कहा कि भौगोलिक स्तर पर मध्य प्रदेश काफी बड़ा है, इसीलिए संभाग स्तर पर इंडस्ट्रियल कांक्लेव कराया जा रहा है। एमपी से होते हुए नई रेल लाइन शुरू की जाएगी। प्रदेश में सड़क मंत्रालय नई टेक्नोलॉजी को लागू करते हुए आगे बढ़ेगा। सड़क बनाने के लिए बदलते समय के साथ नई तकनीक को लेकर आगे बढ़ सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि मध्य प्रदेश सरकार सड़क बनाने मामले में आगे निकल रही है, बड़ी मात्रा में मध्य प्रदेश में लोक कल्याण सरोवर बनना प्रारंभ हो गए हैं। सड़क के किनारे नियमित दूरी में वाटर रिचार्ज विल भी बनाया जा रहा हैं। अलग-अलग राज्यों के हो रहे नवाचारों की जानकारी लेने के लिए तीन अध्ययन दल तेलंगाना आगरा और दिल्ली भेजे गए थे। इसकी रिपोर्ट के आधार पर मध्य प्रदेश में भी इन नवाचारों को अपनाया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि लगभग 6.50 हजार करोड़ की लागत वाले कानपुर भोपाल एक्सप्रेसवे को मंजूर किया गया है। अब नए एक्सप्रेसवे 12.50 हजार करोड़ का मंजूर कर रहे हैं। भोपाल में चल रहे समिट में एक प्रदर्शनी भी लगाई गई है, जिसमें सड़क और पुल निर्माण में लगने वाली नई मशीनरी समेत अन्य सामग्री का प्रदर्शित की गई हैं।
PWD मंत्री राकेश सिंह ने भी बताई उपलब्धियां
भारत में विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर की शुरुआत भारत में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हुई। मध्य प्रदेश में इंटीग्रेटेड सिस्टम लागू करने का प्रयास कर रहे हैं। इंटीग्रेटेड डैशबोर्ड हम लेकर लाए हैं। मध्य प्रदेश में लोकपथ एप की लांचिंग की गई। यह चुनौतिपूर्ण और महत्वपूर्ण काम था। लोकपथ एप के माध्यम से खराब सड़कों की शिकायत 7 दिन में सही हो सकेगी, 3700 शिकायतें आई हैं, जिनमें से 95 फीसदी समस्याओं का निराकरण भी हुआ है।
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