Bageshwar Dham Holi: धीरेंद्र शास्त्री ने संन्यासियों संग खेली होली, बुंदेली फागों से हुआ समापन, धीरेंद्र शास्त्री बोले - यह होली तनातनियों की नहीं, सनातनियों की है
Bageshwar Dham Holi: खजुराहो। सिद्ध संतों की तपस्थली बागेश्वर धाम में चल रहे तीन दिवसीय होली महा महोत्सव का बुंदेली फागों के साथ विगत रात विराम हो गया। फूलों की होली के साथ महोत्सव की शुरुआत हुई थी। दूसरे दिन अबीर, गुलाल की होली और महोत्सव के अंतिम दिन रंगों की होली खेली गई।
बागेश्वर धाम में खिली होली
बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने रात 2 बजे से सन्यासी बाबा के साथ होली खेलना शुरू किया। इसके बाद उन्होंने (Bageshwar Dham Holi) बागेश्वर महादेव और बालाजी के साथ होली खेली। यह सिलसिला दोपहर तक चलता रहा। देश भर से आए श्रद्धालुओं, आस्थावानो और देश के बाहर से आए एनआरआई के साथ महाराज श्री ने रंगों की होली खेलते हुए सबको सुभाशीष दिया।
तनातनियों की नहीं, सनातनियों की होली है
महाराज ने कहा कि यह होली तनातनियों की नहीं बल्कि सनातनियों की है। महाराज ने शाम के वक्त बुंदेली फागों का आनंद (Bageshwar Dham Holi) लिया और गांव तथा क्षेत्रवासियों के साथ फागों की धुन पर झूम उठे। महाराज ने अपने गांव के लोगों को भिवंडी मुंबई में 14 अप्रैल को बालाजी की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम का निमंत्रण भी दिया। उन्होंने स्थानीय कलाकारों को भी मंच देकर उत्साह बढ़ाया।
(खजुराहो से गौरव मिश्रा की रिपोर्ट)
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