Panna News: 77 साल बाद भी सड़क से अछूता गांव, आज भी खाट पर लिटाकर ले जाना पड़ता है बीमारों को

Panna News: पन्ना। भारत को आज आजाद हुए 77 वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है लेकिन फिर भी देश के कई हिस्सों में आज भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। बुंदेलखंड के सबसे पिछड़े जिले पन्ना (Panna News)...
panna news  77 साल बाद भी सड़क से अछूता गांव  आज भी खाट पर लिटाकर ले जाना पड़ता है बीमारों को

Panna News: पन्ना। भारत को आज आजाद हुए 77 वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है लेकिन फिर भी देश के कई हिस्सों में आज भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। बुंदेलखंड के सबसे पिछड़े जिले पन्ना (Panna News) की जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत खजरी कुडार के माजरा कोतवालीपुरवा भी इसका अपवाद नहीं है। यहां पर सड़क नहीं होने की वजह से ग्रामवासी गर्भवती महिलाओं, बीमार बुजुर्गों को गांव से मुख्य मार्ग तक खाट पर ले जाने को मजबूर हैं।

खेतों की मेड़ से गुजरना पड़ता है

यह मामला जिला मुख्यालय पन्ना से लगभग दस किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत कुड़ार के मजरा कोतवालीपुर का है। यहां रहने वाले ग्रामीणों को आजादी के 78 सालों बाद भी कोई रास्ता नहीं मिल सका है। एक तरफ पन्ना टाइगर रिजर्व बफर जोन का घना जंगल है तो दूसरी तरफ निजी भूमि लगी हुई है। इस वजह से यहां के लोगों को खेतों की मेड़ से आवागमन करने को मजबूर होना पड़ता है।

एक स्थानीय ग्रामीण मीरा बाई बंशकार ने बताया कि गांव के लिए कोई रास्ता नहीं है, इसलिए खेतों की मेड़ से आवागमन करना पड़ता है। बरसात के दिनों में खेतों में फसलों की सुरक्षा हेतु बाड़ लग जाने एवं कीचड़ की वजह से आवागमन में कठिनाइयां कई गुना बढ़ जाती हैं। बीमार व्यक्ति या गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए खाट का सहारा लेना पड़ता है क्योंकि यहां एम्बुलेंस, जननी एक्सप्रेस या डायल हंड्रेड जैसे इमरजेंसी वाहन पहुंचना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है। बरसात में बीमार होने पर अस्पताल नहीं पहुंच पाने से यहां के कई लोगों की मौत हो चुकी है।

बरसात में 4 महीने बच्चे नहीं जा पाते हैं स्कूल

गांव में 5वीं क्लास तक का स्कूल है। आगे की पढ़ाई के लिए बच्चों को इन्हीं खतरे भरे रास्तों से आवागमन करना पड़ता है। बरसात के 4 माह बच्चे स्कूल नहीं जा पाते और गांव के प्राइमरी स्कूल में शिक्षक एवं शिक्षिकाएं भी मुश्किलों में पहुंच पाते हैं। गोरेलाल बंशकार ने बताया कि उसकी मां बीमार है, हालत बिगड़ने पर खाट में लिटा कर लिटाकर लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर मुख्य मार्ग तक पहुंचा कर किसी वाहन की व्यवस्था से जिला अस्पताल पहुंचाया गया। ग्रामीणों ने बताया कि पट्टे की जमीन होने से सड़क नहीं बन पा रही है। इसी वजह से दो बस्तियों के लोगों को इतनी परेशानी उठानी पड़ रही है। लोगों की मांग है कि प्रशासन हस्तक्षेप कर रास्ते के लिए जमीन की व्यवस्था कर सड़क का निर्माण करवाएं ताकि यहां के लोगों की समस्या हल हो सके।

जिला पंचायत सीईओ संघ प्रिय ने कही यह बात

इस पूरे मामले में जब (Panna News) पन्ना जिला पंचायत सीईओ संघ प्रिय से बात की गई तो उनका कहना था कि आपके माध्यम से मामला संज्ञान में आया है। अधिकारियों को भेज कर मौके का निरीक्षण करवाया जाएगा। यदि निजी भूमि है तो दान करवा कर जल्द से जल्द ग्रामीणों के लिए सड़क की व्यवस्था की जाएगी।

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