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Phoolan Devi History: कभी फूलन देवी जैसे डाकुओं के लिए कुख्यात था भिंड, आज युवा प्रतिभाएं कमा रही हैं देश-विदेश में नाम

Phoolan Devi History: भिंड। दस्यु सुंदरी के नाम से विख्यात महिला डकैत फूलन देवी का नाम सुनते ही आम जनता के दिमाग में बेहमई हत्याकांड की यादें ताजा हो उठती हैं। यूपी के कानपुर के बेहमई गांव से आने वाली...
07:43 PM Aug 10, 2024 IST | Pradeep Rajawat

Phoolan Devi History: भिंड। दस्यु सुंदरी के नाम से विख्यात महिला डकैत फूलन देवी का नाम सुनते ही आम जनता के दिमाग में बेहमई हत्याकांड की यादें ताजा हो उठती हैं। यूपी के कानपुर के बेहमई गांव से आने वाली फूलन (Phoolan Devi History) ने चंबल के बीहड़ों में कदम रखते ही वो हंगामा मचा दिया था कि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सरकारें मिलकर उससे सरेंडर करवाना चाहती थीं।

बेहमई कांड से रातोंरात चर्चा में आ गई थी फूलन

फूलन एक बहुत ही निम्नवर्गीय ग्रामीण परिवार से आती थी। गांव के ठाकुरों द्वारा सबके सामने गैंगरेप किए जाने के बाद वह चंबल पहुंच गई और डाकुओं के साथ मिल गई। इसके बाद उसने अपने गिरोह के साथ मिलकर 14 फरवरी 1981 को बेहमई कांड में एक साथ 22 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। माना जाता है कि ये सभी उसके साथ हुए गैंगरेप में किसी-न-किसी तरह से जुड़े हुए थे।

बेहमई कांड के बाद फूलन के चर्चे चारों तरफ होने लगे। सरकारें उसके आत्मसमर्पण के लिए प्रयास करने लगी। उसके कुछ साथियों का एनकाउंटर होने के बाद फूलन का पुलिस पर से विश्वास पूरी तरह हट गया। फिर भी मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह तथा भिंड एसपी राजेन्द्र चतुर्वेदी के प्रयासों के बाद फूलन ने 13 फरवरी 1983 को भिंड के एमजेएस ग्राउंड में सरेंडर कर दिया।

सजा पूरी करने के बाद राजनीति में उतरी फूलन

सरेंडर के बाद फूलन पर केस चला और उसे पुलिस सजा भी हुई। अदालत द्वारा दी गई सजा पूरी करने के बाद फूलन राजनीति में उतरी और चुनाव जीत कर संसद में भी पहुंची। एक सांसद के रूप में भी फूलन ने कई बार अपने बयानों से हंगामा मचाया।

फूलन के सरेंडर के विरोध में थे लोग

भिंड निवासी अमरकांत सिंह चौहान ने बताया कि वह उस समय एमजेएस कॉलेज में छात्र थे और उनके सीनियर छात्र भूपत जादौन एवं खिजर कुरैशी ने फूलन देवी के आत्म समर्पण (Phoolan Devi History) का विरोध करते हुए मंच पर चूड़ियां फेंक दी क्योंकि वह चाहते थे कि दूसरों की हत्या करने वालों का आत्म समर्पण नहीं बल्कि उनको भी मार दिया जाना चाहिए।

डाकुओं के लिए कुख्यात था भिंड

किसी समय भिंड डाकुओं के गिरोहों के लिए कुख्यात था। इस क्षेत्र में कई डाकू जन्में, कईओं ने अपने गिरोह बनाए और बड़े-बड़े कांड किए, बहुत से डाकुओं का एनकाउंटर भी भिंड में हो चुका है। लेकिन आज इन सब बातों से अलग भिंड अपनी युवा प्रतिभाओं के लिए विख्यात है। आज यहां के युवा खेल से लेकर पढ़ाई तक सभी जगह अपना नाम रोशन कर रहे हैं।

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