Pola Festival 2024: पोला उत्सव पर बैलों का श्रंगार कर खिलाई गई खीर-पूड़ी
Pola Festival 2024: बुरहानपुर। महाराष्ट्र के सीमावर्ती बुरहानपुर जिले में हर साल की तरह इस साल भी पोला उत्सव मनाया गया। आज के दिन किसान और खेतिहर मजदूर खेतों में काम करने वाले बैलों की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। इस दिन किसी भी बैलों से कोई काम नहीं लिया जाता। नदियों पर बेलों को नहलाकर सजाया गया। उन्हें ग्रामीणों और किसानों ने पकवान खिलाए। इसी कड़ी में खंडवा-बुरहानपुर लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने भी परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर अपने पैतृक गांव बोहरडा में अपने बैलों की पूजा की।
पोला उत्सव पर बैलों की पूजा
इस दिन किसानों बैलों की पूजा कर उन्हें सम्मान देते हैं। सनातन धर्म में यही एक खासियत है कि इसमें प्रकृति की हर चीज की पूजा की जाती है। अन्नदाता किसान के साथ उपयोगी बैल जोड़ी को खीर, पूरी, पोली समेत पकवान खिलाएं और धूमधाम से जश्न मनाया गया। बता दें कि सोमवार शाम को इंदौर-इच्छापुर नेशनल हाइवे पर स्थित रास्तीपुरा में मेले का आयोजन किया गया। इसमें बैलों द्वारा तोरण तोड़ने की प्रतियोगिता संपन्न हुई। इस प्रतियोगिता में किसी किसान ने बैल को बाहुबली, महाकाल सरकार तो किसी ने पशुधन लिखा।
बैलों का किया गया श्रंगार
पोला उत्सव को लेकर किसानों ने बैलों का विशेष श्रृंगार किया है। खास बात यह है कि जिनके पास बैल नहीं हैं उन्होंने मिट्टी के बैलों की पूजा और पूरन खीर खिलाकर त्योहार मनाया। गौरतलब है कि पोला त्योहार मनाने के पीछे यह कहावत है कि अगस्त माह में खेती-किसानी का काम समाप्त होने के बाद इसी दिन अन्न माता गर्भ धारण करती हैं। यानी धान के पौधों में इस दिन दूध भरता है। इसलिए यह त्योहार मनाया जाता है। इस दिन मिट्टी और लकड़ी से बने बैल चलाने की भी परंपरा है।
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