Portable AC : सागर में प्रोफेसर ने बनाया पोर्टेबल AC, कीमत जानकर आप हो जाएंगे हैरान, बिजली बिल का टेंशन खत्म
Portable AC सागर। पूरे देश में पड़ रही भीषण गर्मी से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त है। रिकॉर्ड तोड़ गर्मी से बचने के लिए लोग जमकर एसी-कूलर का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस भीषण गर्मी मे बिजली के बिल ने भी लोगों का टेंशन बढ़ा दिया है। ऐसे में सागर के एक प्रोफेसर ने लोगों को एक खुशखबरी दी है। रिटायर्ड प्रोफेसर ने पोर्टेबल एसी तैयार किया है। इस पोर्टेबल एसी की कीमत एक साधारण कूलर के बराबर है तो बिजली बिल का टेंशन भी नहीं रहेगा। पढ़िए सागर से हमारे संवाददाता विनीत रिछारिया की खास रिपोर्ट -
रिटायर्ड प्रोफेसर ने किया कमाल
भीषण गर्मी के बीच हर महीने का बिजली बिल देखकर भी लोगों का पारा हाई है। ऐसे में सागर के एक अवकाश प्राप्त कॉलेज शिक्षक ने लोगों को राहत भरी खबर दी है। सागर विश्वविद्यालय के रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ. अजय शंकर मिश्रा ने ऐडियाबेटिक सिद्धांत के आधार पर एक पोर्टेबल एसी तैयार किया है। इस एसी की कीमत एक कूलर के बराबर है और बिजली खर्च छोटे फ्रिज से भी कम।
‘नमो एसी’ रखा है नाम
प्रोफेसर डॉ. अजय शंकर मिश्रा ने अपने नए आविष्कार को पीएम के नाम पर समर्पित किया है। उन्होंने नए एसी का नाम ‘नमो एसी’ रखा है। प्रोफेसर का कहना है कि यह गरीबों का एसी है। प्रोफेसर ने दावा किया है कि अगर इस ऐसी को 16 घंटे तक लगातार इस्तेमाल किया जाए तब भी एक छोटे फ्रिज के बराबर बिजली का खर्च आएगा। वहीं, यह एक कमरे को आधा घंटे में ही शिमला जैसा ठंडा कर देगा। उनका दावा है कि यह इतना सस्ता और अच्छा है कि हर कोई इसे खरीद सकता है और इस्तेमाल कर सकता है।
वीडियो जारी कर बताया कैसे बनता है एसी
बता दें कि प्रो. अजय शंकर मिश्रा ने नया एसी कैसे बनाया है इसका एक वीडियो भी जारी किया है। वीडियो में वे बताते हैं कि इस पोर्टेबल एसी को खिड़की, दरवाजा, वेंटिलेटर कहीं पर भी रखा जा सकता है। यही नहीं इसे उठाकर एक जगह से दूसरे जगह ले जाना भी बहुत आसान है। इसे गाड़ी पर आराम से रखकर इधर-उधर ले जाया जा सकता है। प्रोफेसर का कहना है कि इस नए एसी को बनाने में लगभग 10 हजार रुपये का खर्च आता है। इसमें कंप्रेसर, रेडिएटर, ऑयल फिल्टर, मोटर स्टार्टिंग कैपेसिटर, कैपेलरी एडजेस्टर जैसे उपकरणों का इस्तेमाल किया गया है।
प्रोफेसर ने बनाया कौन तकनीक आया काम ?
प्रो. मिश्रा ने अपने आविष्कार के बारे में बताया कि जिस तरह साइकिल के पंप से हवा भरते हैं तो हवा कंप्रेस होती है । पंप से हवा भरते समय हम देखते हैं कि पंप गर्म हो जाता है। ये इसलिए होता है कि हवा को हमने कंप्रेस किया है, लेकिन वही हवा जब किसी छोटे छिद्र से निकलती है तो वह ठंडी हो जाती है। इस प्रक्रिया को फिजिक्स का एडियाबेटिक चेंज कहा जाता है। भारी दबाव से जब हवा कम दबाव की ओर जाती है, तो हवा ठंडी हो जाती है। यही हर एसी का बेसिक प्रिंसिपल होता है, चाहे उसमें कोई भी गैस भरी जाए।
कौन हैं डॉ. अजय शंकर मिश्रा
डॉ. अजय शंकर मिश्रा सागर केन्द्रीय विश्वविद्यालय के रिटायर्ड प्रोफेसर हैं। विश्वविद्यालय के बॉटनी विभाग में उन्होंने करीब 41 साल अपनी सेवाएं दी हैं। अजय शंकर मिश्र को ही सागर में 700 साल पुराने कल्पवृक्ष खोजने का श्रेय दिया जाता है। अवकाश लेने के बाद खाली समय में अलग-अलग तरह का इन्वेंशन करते रहते हैं। अभी 75 साल की उम्र में भी डॉ. अजय संकर मिश्रा सक्रिय हैं और शहर में रंगा-बिल्ला एसोसिएट्स नाम से एक ऑटो पार्ट्स की दुकान भी चलाते हैं।
यह भी पढ़ें :Sagar News : गुटखे से इस फसल के अस्तित्व पर बना खतरा, खत्म न हो जाए सालों पुरानी विरासत
यह भी पढ़ें : MP Ministers in Modi Cabinet: मोदी कैबिनेट में एमपी के 5 मंत्री, जानिए आज प्रदेश में क्या खास होने वाला है?