Primary Teacher Recruitment: लोक शिक्षण संचालनालय के कमिश्नर ने उड़ाई आरक्षण नियमों की धज्जियां, कोर्ट ने जताई नाराजगी
Primary Teacher Recruitment: जबलपुर। मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के दौरान डीपीआई अर्थात लोक शिक्षण संचालनालय के कमिश्नर ने आरक्षण नियमों की अनदेखी की। जिस पर जबलपुर हाई कोर्ट (Jabalpur High Court News) के मुख्य न्यायाधीश की डबल बैंच ने फटकार लगाई। आरक्षित वर्ग के करीब 60 से ज्यादा अभ्यर्थियों द्वारा मध्य प्रदेश हाई कोर्ट जबलपुर की डिवीजन बैंच में आधा दर्जन से अधिक याचिकाएं दायर की गईं। इसमें ट्रायबल और डी.पी.आई. विभागों में की गई प्राथमिक शिक्षक की नियुक्तियों को चुनौती दी गई।
मनमाने तरीके से पोस्टिंग
याचिका कर्ताओं को उनके आरक्षित वर्ग से अनारक्षित वर्ग में परिवर्तित करके उनकी ट्रायबल वेलफेयर विभाग द्वारा संचालित 20 जिलों की शालाओं में पदस्थापना की गई। जबकि, उक्त याचिका कर्ताओं ने ट्रायवल विभाग के एक भी स्कूल में चॉइस नहीं भरी गई थी। वहीं, दूसरी ओर याचिका कर्ताओं से कम मैरिट वाले अभ्यर्थियों को याचिका कर्ताओ द्वारा चॉइस किए स्कूलों में मनमाने तरीके से पोस्टिंग दे दीं गई। उक्त समस्त याचिका की सुनवाई बुधवार 7 अगस्त को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने की।
नियमों को ताक पर रखकर की गई नियुक्ति
याचिका कर्ताओं की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने कोर्ट को बताया कि लोक शिक्षण संचालनालय के कमिश्नर द्वारा संवैधानिक और आरक्षण नियमों को ताक पर रख कर नियुक्ति आदेश जारी किए गए। कमिश्नर, लोक शिक्षण द्वारा लगभग 2500 से अधिक आरक्षित वर्ग के प्रतिभावान अभ्यर्थियों को उनकी चॉइस फिलिंग ऑप्शन को नजर अंदाज किया। वहीं, उनसे कम अंक प्राप्त अभ्यर्थियों को स्कूल शिक्षा विभाग में पदस्थापना दे दी गई।
सुनवाई के दौरान डिवीजन बैच ने स्वयं सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को रेखांकित करते हुए अंतरिम आदेश जारी कर कमिश्नर डीपीआई से जबाव-तलब किया। याचिका कर्ताओं में हरिओम यादव, ऋचा ताम्रकार, मोहनी डुमे, सौरभ सिंह ठाकुर, अमन दुबे, रोहित चौधरी, हलके भाई लोधी की ओर से पैरवी अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर, रामभजन लोधी, पुष्पेंद्र कुमार शाह ने की।
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