Public Problem Resolution Camp: सिंधिया की जन समस्याएं निवारण शिविर में महीनों से जूझ रहे लोगों को मिनटों में मिल रहा लाभ
Public Problem Resolution Camp: अशोकनगर। केंदीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जन समस्या निवारण शिविर में कई लोगों की परेशानियों को मिनटों में हल कर दिया। इससे लोगों के चेहरों पर मुस्कान अलग ही बता रही थी। लोग करीब तीन साल से अधिक समय से परेशानियों से जूझ रहे थे। जनता के पास शिकायतों के बंडल थे। प्रशासन द्वारा उक्त परेशानियों के हल निकालते हुए मौके पर ही सिंधिया के सामने निराकरण करते हुए आवेदन खत्म किए गए।
तीन महीनों की समस्या पांच मिनिट में दूर
अशोकनगर जिले की मुंगावली तहसील में सिंधिया का जन समस्या निवारण शिविर लगाया गया था। इसमें कई ऐसे हितग्राही थे, जो 3 महीने से अधिक को 5 मिनिट में अपनी कई परेशानियों को हल कराते नजर आए। इसमें संबल कार्ड, पेंशन कार्ड और बीपीएल कार्ड की परेशानियों को सिंधिया के सामने रखा और सिंधिया ने मौके पर ही शासन प्रशासन के द्वारा इन समस्याओं का निराकरण कराया। यह एक सवाल यह उठता है कि क्या सिंधिया के सामने ही इन सभी समस्याओं का निराकरण होना था। जबकि, यह सभी हितग्राही पिछले 3 साल या 5 साल से इन समस्याओं को लेकर दफ्तर-दफ्तर फिर रहें होंगे!
लोगों के खिले चेहरे
इसमें गलती शासन-प्रशासन की है या सिर्फ दिखावे के लिए जन समस्या निवारण केंद्र में इंतजार कर रहे थे कि कोई आए और इन हितग्राहियों को इन मूलक समस्याओं का लाभ दे। एक हितग्राही का तो नाबालिक नाम लिखा गया था, जिसको सिंधिया के समाने ही उसका निराकरण कर दिया। एक बुजुर्ग ने कहा कि पिछले दो साल से परेशान था। ऑफिसों के चक्कर ही काटता रहता था। काम कुछ होता ही नहीं था। इस जन समस्या निवारण शिविर में अधिकतर हितग्राही युवा ही देखे गए। सवाल यह कि अगर युवा ही हित लाभ लेने में परेशान हो रहा है तो क्या देश का युवा इसी तरह लाइन में लगा रहेगा, कैसे होगा देश का विकास?
सिंघिया ने कहा कि हर आवेदन मेरे लिए सोने के समान
इसमें केंदीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा बताया कि यही प्रधानमंत्री की सोच है। यही मुख्यमंत्री जी की सोच है कि समस्या का समाधान प्रशासन के समाने हितग्राही रखे। शासन-प्रशासन के द्वारा समाधान निकाले ओर उसका प्रमाण पत्र उसके हाथ में रखे कि सरकार जनता का चक्कर खाए। यह ना कि जनता सरकार का चक्कर खाए। यह प्रकिया हम हर विधानसभा में कर रहे हैं। यह मेरी प्रारूप की आशा है। इस तरह उसी समय समाधान होता है या रिकॉर्ड किया जाता है, जिसमें जन सुनवाई में करीब 1,000 हजार से अधिक आवेदन आए हैं। यह आवेदन सोने के समान हैं।
आवेदनों को बैग में रखकर ले गए सिंधिया
शिविर के समापन पर सिंधिया जनता से मिले और आवेदनों को अपने साथ बैग में रख लिया। ताकि प्रत्येक (Public Problem Resolution Camp) प्रकरण की व्यक्तिगत निगरानी कर उसका शीघ्र निवारण सुनिश्चित किया जा सके। उनका यह कदम जनता की समस्याओं के प्रति उनकी संवेदनशीलता और जनसेवा के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
(अशोकनगर से भारतेंदु सिंह बैंस की रिपोर्ट)
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