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Rakshabandhan 2024: बैतूल के इस भाई की हैं 1 हजार से अधिक बहनें, राखी बांधने के लिए टेंट लगाकर लगती है लाइन

Rakshabandhan 2024: बैतूल। रक्षाबंधन पर भाइयों की कलाई पर सजने वाली राखियां जहां भाइयों को बहन के प्यार दुलार से भर देती है। वहीं, बहनों के स्नेह को और ज्यादा बढ़ा देती हैं। आज हम आपको एक ऐसे शख्स के...
08:42 PM Aug 18, 2024 IST | Manoj Deshmukh
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Rakshabandhan 2024: बैतूल। रक्षाबंधन पर भाइयों की कलाई पर सजने वाली राखियां जहां भाइयों को बहन के प्यार दुलार से भर देती है। वहीं, बहनों के स्नेह को और ज्यादा बढ़ा देती हैं। आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी कलाई पर एक हजार से अधिक राखियां बंधती हैं। इस शख्स की एक-दो बहने नहीं बल्कि एक हजार से ज्यादा बहने हैं जिन्हें राखी बंधवाने के लिए शहर के हर वार्ड हर इलाके में पहुंचना पड़ता है। बहनों की बड़ी तादाद के चलते उन्हें धर्मशाला में राखिया बंधवानी पड़ती हैं। बहनों का दुलारा यह भाई बैतूल का है, जो बहनों के हर दुःख तकलीफ को दूर करने के लिए हमेशा तैयार रहता है।

एक हजार बहनों के भाई

बैतूल के राजेंद्र सिंह चौहान उर्फ़ केन्डू बाबा पेशे से पान व्यापारी हैं। यह शख्स शहर के हर वार्ड हर इलाके की महिलाओं में खासा लोकप्रिय है। महिलाओं के इस भाई की एक हजार से ज्यादा बहनें हैं, जो इन्हें रक्षा बंधन पर राखी बांधकर इस पवित्र रिश्ते को और ज्यादा मजबूत बनाती है। त्योहार के दो दिन पहले से ही अपनी इतनी सारी बहनों से राखिया बंधवाने राजेन्द्र सिंह को घर से निकलना पड़ता है। वे हर वार्ड, हर मोहल्ले में पहुंचते हैं, जहां महिलाएं उनको राखी बांधने के लिए इंतजार करती हैं।

हर मसले पर बहनों के साथ रहते हैं राजेंद्र

इलाके में पानी की समस्या हो, साफ़ सफाई का मामला हो, सामाजिक सुरक्षा या फिर वृद्धावस्था पेंशन का मामला हर मसले पर राजेंद्र इन महिलाओं के साथ खड़े नजर आते हैं। बच्चों की कोई समस्या हो या फिर भ्रष्टाचार से जुड़ा कोई सवाल केन्डू बाबा हर मर्ज का इलाज करने इन महिलाओं के साथ खड़े रहते हैं। समस्याओं को सुलझाने, मोर्चा निकालने से लेकर धरना प्रदर्शन और ज्ञापन के अलावा आवेदन तक के लिए केन्डू बाबा की मदद इन महिलाओं के साथ होती है।

अपना काम धंधा छोड़कर यह शख्स मैदान में उतर जाता है और फिर तभी पीछे हटता है, जब तक समस्या का समाधान नहीं हो जाता। यही वजह है कि बाबा की एक दो नहीं एक हजार से ज्यादा बहने पिछले 26 सालो से राखी पर उनका इंतजार करती हैं। कभी टेंट लगाकर अपने इस भाई की आरती उतारनी पड़ती थी। हालांकि, अब एक धर्मशाला में राखी बांधने का कार्यक्रम होता है। केंडू बाबा को राखी बांधने के वक्त ऐसा नजारा होता है जैसे कोई मेला लगा हो। बहनें भी ऐसा भाई पाकर खुद को धन्य समझती हैं।

बाहरी ही नहीं घरेलू परेशानियों में भी साथ

पिंकी, सिंधु, अर्चना हो या फिर नीलू और उन जैसी सैकड़ों महिलाएं अपने वीरा की तारीफ़ करते नहीं थकती। घर से बाहर की समस्या के अलावा पारिवारिक मामला हो या फिर घरेलू दिक्कतें, केन्डू बाबा को हर मुश्किल में बहनें याद करती हैं। जो बहने अपने सगे भाइयों को दूरी की वजह से राखी नहीं बांध पाती वे केन्डू बाबा को राखी बांधकर अपना दुःख हल्का कर लेती हैं। सिर्फ हिंदू ही नहीं बल्कि मुस्लिम महिलाएं भी इन्हें राखी बांधती हैं। बहनें इस रिश्ते को जिंदगी भर निभाने का वादा भी करती हैं। मुस्लिम महिलाओं का कहना है कि भाई-बहन के रिश्ते के आगे धर्म बड़ा नहीं होता। वे 12 सालों से अपने हिन्दू भाई को राखी बांधती आ रही हैं।

हर बार नया गिफ्ट

शबाना, परवीन, रुबीना जैसी बहने अपने भाई राजेंद्र के लिए हरदम दुआएं करती हैं। बुजुर्ग महिलाओं से लेकर बच्चों तक हर कोई अपने भाई केन्डू बाबा को राखी बांधता है। इस भाई को राखी बांधने के लिए बहने भी रक्षा बंधन से दो चार दिन पहले ही अपनी तैयारियां शुरू कर देती हैं। अपनी एक हजार से ज्यादा बहनों को हर बार राजेन्द्र सिंह नए अंदाज में गिफ्ट देते हैं।

पिछले साल उन्होंने स्वच्छता का संदेश देने बहनों को डस्टबिन भेंट किए थे, जिससे उनकी बहनें अपने घर को साफ़-सुथरा रख सकें। एक साल हेलमेट देकर उन्होंने बहनों को सड़क सुरक्षा का पाठ पढ़ाया। इस बार उनकी राखी की थीम शहीद जवान है। जिनकी स्मृति में उन्होंने बहनों को पौधे भेंट कर उनको पालने का संकल्प लिया है। वे बहनों को उपहार में हेलमेट, घड़ी, छाते, डस्टबिन, सिलाई मशीन, साड़ियां, जैसी वस्तुएं देते रहे हैं।

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