Rewa Teachers Recruitment scam : रीवा शिक्षक भर्ती घोटाले में 14 दोषियों को सजा , 4 की हो चुकी है मौत
Rewa Recruitment scam रीवा। मध्य प्रदेश के रीवा जिले में 26 साल पहले हुए बहुचर्चित शिक्षाकर्मी भर्ती घोटाला में कोर्ट का फैसला आ गया है।कोर्ट ने 19 आरोपियों में से 14 को दोषी मानते हुए जेल और जुर्माने की सजा सुनाई है। 1998 में हुए घोटाले के 4 आरोपियों की पहले ही मौत हो चुकी है।
क्या था शिक्षाकर्मी भर्ती घोटाला?
बता दें कि वर्ष 1998 में एमपी के रीवा जिले के जवा जनपद पंचायत में वर्ग 1, 2 और 3 के लिए 170 पदों पर शिक्षकों की बहाली होनी थी। इसमें राजीव गांधी शिक्षा मिशन के तहत 60 और शिक्षा विभाग की तरफ से 110 शिक्षकों की भर्ती होनी थी। उस समय खाली पड़े 170 पदों पर भर्ती के लिए सरकार ने चयन समिति का गठन किया था। बहाली प्रक्रिया के दौरान चयन समिति के सदस्यों ने नियमों में हेराफेरी और धांधली कर रिक्त पदों से ज्यादा बहाली कर दी थी।
लोकायुक्त कर रहे थे मामले की जांच
रीवा में शिक्षाकर्मियों की बहाली में भारी गड़बड़ी का आरोप लगा तो मामले की शिकायत लोकायुक्त कार्यालय में की गई। लोकायुक्त ने पूरे मामले की जांच शुरू की तो घोटाले की बात परत दर परत सामने आने लगी। नियमों की अनदेखी और धांधली के आरोप में 19 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। सभी आरोपियों के खिलाफ जिला न्यायालय रीवा में मुकदमा चलाया गया। अब 26 साल बाद इस मामले में जिला सत्र न्यायालय के अपर न्यायाधीश डॉ. मुकेश मलिक ने फैसला सुनाया है।
अयोग्य लोगों का हुआ था चयन
रीवा लोक अभियोजन अधिकारी आलोक श्रीवास्तव ने बताया है कि शिक्षा सेवा चयन 1997 के तहत खाली पदों पर बहाली होनी थी। इस बहाली की जिम्मेदारी जिन अधिकारियों को दी गई उन्होंने नियमों के साथ खिलवाड़ किया और रिक्तियों से अधिक बहाली कर ली। यही नहीं जिन लोगों का चयन किया गया उनमें से अधिकांश अभ्यर्थी अयोग्य निकले। .
14 लोगों को सुनाई गई सजा
गौरतलब है कि 'दोषी पाए गए आरोपियों को अलग-अलग सजा सुनाई गई है। ऐसा इसलिए हुआ है कि जिम्मेदार लोगों ने अलग-अलग स्तर पर गड़बड़ियां की थीं। जिन लोगों को सजा सुनाई गई उनमें से कुछ को पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी के तहत 2 साल की कारावास और 3 हजार रुपए जुर्माना की सजा हुई है तो कुछ लोगों को धारा 367 के तहत 3 साल की कारावास और 5 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा कुछ आरोपियों को धारा 471 के तहत दो साल की कारावास और 5 हजार रुपये हर्जाने की सजा सुनाई गई है। इस मामले में 1 आरोपी पहले ही निर्दोष साबित हो चुका है। जबकि 14 आरोपियों में से 4 की मौत हो चुकी है।
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