Robotic Farming: अब खेती नहीं आराम करेगा किसान, 19 साल के लड़के ने बना डाला अनोखा रोबोट
Robotic Farming: सागर। मध्य प्रदेश का सागर जिला एक बार फिर चर्चाओं में है। पोर्टेबल एसी के बाद अब एक कमाल का रोबोट मैदान में उतारा है। इसे एक 19 साल के लड़के ने तैयार किया है।
यह किसानों के लिए बेहद खास बताया जा रहा है क्योंकि इससे खेतों में काम लिया जाएगा। वहीं, इस लड़के के दिमाग को देखकर बेंगलुरु की आईटी कंपनी भी हिल गईं और कॉलेज के फर्स्ट इयर में ही उन्होंने नौकरी दे दी। इसके अलावा छात्र को 11 महीने बाद चार गुना सैलरी पर प्रमोशन भी दिया गया है।
युवक के प्रोजेक्ट(Robotic Farming) पर अभी टेस्टिंग चल रही है, जल्द ही इसे मार्केट में लाने की तैयारी है। इसके बाजार में आने से क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिल सकता है।
अभी इसे बनाने में करीब 20,000 की लागत आ रही है, लेकिन जिस तरह से इसमें सर्विस रखेंगे उसमें और लागत बढ़ती जाएगी। छात्र का नाम उत्कर्ष सेन है, उनका कहना है कि 10 से 15 हजार तक में रोबोट किसानों को मिल सकते हैं।
सागर के तिली वार्ड निवासी 19 साल के उत्कर्ष सेन ने एक साल पहले इस रोबोट(Robotic Farming) को तैयार किया था। इसका प्रेजेंटेशन देने वह बेंगलुरु की आईटी AI कंपनी में देने के लिए पहुंचे।
उत्कर्ष के इस प्रोजेक्ट को देखते ही कंपनी ने उन्हें हायर कर लिया और 3 लाख सालाना के पैकेज पर नौकरी दे दी। इस रोबोट को और डेवलप करने के लिए काम शुरू किया। 11 महीने बाद कंपनी ने उत्कर्ष को मुख्य प्रोग्रामिंग मैनेजर के रूप में प्रमोशन दिया और 3 लाख वाला पैकेज चार गुना बढ़ाते हुए 12 लाख कर दिया।
क्या है रोबोट की खासियत
उत्कर्ष के द्वारा बनाया गया रोबोट (Robotic Farming) निंदाई, गुणाई, सिंचाई, बुआई, कटाई, खुदाई का काम बड़ी आसानी से कर सकता है। इसके साथ ही यह मौसम को लेकर भी किसानों को 3 घंटे पहले ही अलर्ट देगा।
खेत के आसपास कोई जानवर है तो वह अपने सेंसर से इसको भी अलर्ट करेगा। यह रोबोट सोलर पैनल से और बैटरी दोनों से संचालित किया जा सकता है।
उत्कर्ष ने बताया कि अगर इस रोबोट को वाई-फाई से चलाते हैं तो 200 मी की रेंज में यह कमांड के अनुसार स्मार्टफोन की मदद से काम करेगा। वहीं अगर सैटेलाइट से कनेक्ट हो तो 15 किलोमीटर की रेंज में इससे काम करवा सकते हैं।
पिता भी रह चुके हैं इंजीनियर
उत्कर्ष के पिता उमेश सेन, सेना के रिटायर इलेक्ट्रॉनिक मैकेनिक इंजीनियर हैं। अपने पिता को देखकर ही उसे ऐसा कुछ करने की प्रेरणा मिली। साल 2022 में उसने कृषि से संबंधित प्रोजेक्ट (Robotic Farming) पर काम शुरू किया।
करीब 8 महीने में यह रोबोट तैयार कर पाया था 2023 जून महीने में बेंगलुरु गया था। उत्कर्ष की मां सविता सेन हाउस वाइफ हैं और उसका एक छोटा भाई उदय भी है जो 12th में पढ़ाई कर रहा है। (Robotic Farming)
उत्कर्ष सेन बताते हैं कि वह अंतर्राष्ट्रीय कूड़ो खिलाड़ी है। दो बार नेशनल के लिए गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। उनके कोच शुभम राठौड़ के मार्गदर्शन में उन्होंने खेलकूद की गतिविधियां की. स्पोर्ट्स कोटे से उन्हें पोस्ट ऑफिस में पोस्टल असिस्टेंट के लिय भी खुली भर्ती में चयनित किया गया है।