Sehore Krishna Mandir: सीहोर का कृष्ण मंदिर, जहां भगवान बदलते हैं रूप, भक्तों को भी होते हैं उनके दर्शन

Sehore Krishna Mandir: सीहोर। भारत मंदिरों का देश है, यहां अलग-अलग देवी-देवताओं के लिए अलग-अलग तरह के मंदिर बनाए जाने की परंपरा रही है। लेकिन कुछ मंदिर ऐसे भी हैं जो देखने वाले को आश्चर्यचकित कर देते हैं। सीहोर का...
sehore krishna mandir  सीहोर का कृष्ण मंदिर  जहां भगवान बदलते हैं रूप  भक्तों को भी होते हैं उनके दर्शन

Sehore Krishna Mandir: सीहोर। भारत मंदिरों का देश है, यहां अलग-अलग देवी-देवताओं के लिए अलग-अलग तरह के मंदिर बनाए जाने की परंपरा रही है। लेकिन कुछ मंदिर ऐसे भी हैं जो देखने वाले को आश्चर्यचकित कर देते हैं। सीहोर का प्राचीन कृष्ण मंदिर 400 साल से भी अधिक पुराना है। यहां के पुजारी महंत कल्याण दास हैं, जो बताते हैं कि वह बचपन से ही मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करते आ रहे हैं। इन्होंने भगवान को मंदिर (Sehore Krishna Mandir) के आंगन में कई बार कभी बालक के रूप में देखा है, उनके अनुसार यहां की सांवली मूर्ति भी अपना रूप बदलती है इस संबंध में हमारे संवाददाता सरस्वती चंद्र ने मंदिर के महंत कल्याण दास से बातचीत की।

सीवान नदी के पास है यह खास मंदिर

जिले में सीवान नदी के पास भगवान श्रीकृष्ण का लगभग 400 साल पुराना बहुत बड़ा मंदिर है। इस मंदिर को लोग चमत्कारी मंदिर कहते हैं। मंदिर पर आसपास के लोगों की बड़ी आस्था है। इस मंदिर के पुजारी सहित अन्य लोगों का दावा है कि मंदिर में स्थापित भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति अपना रूप बदलती है। जन्माष्टमी के मौके पर यहां कान्हा का जन्मदिवस मनाए जाने की तैयारियां चल रही है। जन्माष्टमी, सोमवार की रात यहां पर 12 बजे विशेष पूजन अर्चना होगी।

मंदिर में बालरुप में घूमते हैं भगवान

शहर में भगवान श्रीकृष्ण के दो प्राचीन और बड़े मंदिर हैं। इनमें से एक को बड़ा मंदिर और दूसरे को अधिकारी मंदिर कहते हैं। इन दोनों मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण के चमत्कार की कई बातें लोगों से सुनी जा सकती हैं। यहां के महंत और पुजारी का कहना है कि इस मंदिर में भगवान अक्सर अपनी लीला दिखाते हैं। उनकी लीला देख यहां के महंत भी कई बार आश्चर्यचकित रह गए। बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां प्रतिदिन पूजा अर्चना करने पहुंचते हैं।

मंदिर के पुजारी कहते हैं कि मंदिर के प्रांगण उनको कई बार भगवान के दर्शन हुए और वो भी बाल रूप में। कभी-कभी रात को मंदिर में ऐसा लगता है कि मानो भगवान पायल पहने मंदिर में खेल रहे हों। माना जाता है कि इस मंदिर में साक्षात भगवान श्रीकृष्ण विराजमान हैं। मंदिर परिसर में भगवान के दर्शन की कई कहानियां भी प्रचलित हैं।

पुजारी महंत कल्याण दास बताते हैं कि उनके पूर्वजों ने बताया था कि मंदिर परिसर (Sehore Krishna Mandir) में भगवान के कपड़े और सोने के आभूषण पड़े मिलते थे। श्रद्धालुओं को यहां ऐसा प्रतीत होता है जैसे भगवान यहां साक्षात विराजमान हैं। लोगों ने बताया कि यहां पर आने से उनकी मनोकामना पूरी होती है। इस मंदिर से लगा हुआ अधिकारी मंदिर भी है। अधिकारी मंदिर के पीछे पौराणिक कथाओं में दी गई मान्यता है। कहते हैं कि यहां से सभी काम होते थे, ईश्वर की विशेष पूजन अर्चना के साथ मंदिरों के फैसले भी यहीं से हुआ करते थे।

भगवान मंदिर परिसर में करते हैं भ्रमण

यहां पर बना अधिकारी मंदिर भी दूसरे मंदिर जितना ही प्राचीन है। मंदिर में भगवान कृष्ण की मूर्ति भी अतिप्राचीन है। कई दशकों पहले मंदिर में सुबह भगवान कृष्ण की मूर्ति भ्रमण करती थी। इतना ही नहीं मंदिर परिसर में पायल भी मिलती थी। यहां स्थित भगवान की प्रतिमा विशेष विशेष धातु से बनी हुई है। यहां जन्माष्टमी पर विशेष पूजा अर्चना होती है और रात्रि 12 बजे महाआरती के बाद प्रसादी का वितरण भी किया जाता है।

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