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Seoni News: किराया नहीं मिलने पर मकान मालिक ने स्कूल लगाने से किया इंकार, ठंड में खुले आसमान के नीचे पढ़ाई

Seoni News: शिक्षा के क्षेत्र में राज्य और केन्द्र सरकार आदिवासी अंचलों के बच्चों को पढ़ने और बढ़ने के लिए कई योजनाएं संचालित कर रही है।
06:32 PM Dec 21, 2024 IST | MP First

Seoni News: सिवनी। शिक्षा के क्षेत्र में राज्य और केन्द्र सरकार आदिवासी अंचलों के बच्चों को पढ़ने और बढ़ने के लिए कई योजनाएं संचालित कर रही है। नेताओं के लाख दावों के बाद भी धरातल पर तस्वीर कुछ और ही देखने को मिलती है। जी हां, मामला सिवनी जिले के एक शासकीय स्कूल का है। यहां छपारा जनपद क्षेत्र के ग्राम बरसला में प्राथमिक शाला की बिल्डिंग जर्जर होने के बाद उसे एसडीएम लखनादौन के आदेश के बाद गिरा दिया गया। लेकिन, स्कूल भवन की व्यवस्था न होने से आज छोटे-छोटे नौनिहाल स्कूल प्रांगण में ही गुरुकुल की तरह खुले आसमान के नीचे बैठकर शिक्षा प्राप्त करने को मजबूर हैं।

इंतजाम के पहले बिल्डिंग कर दी गई ध्वस्त

बताया जाता है कि स्कूल की बिल्डिंग बहुत अधिक जर्जर थी, जिसका डिस्मेंटल किया जाना था। लेकिन, स्कूली बच्चों को बैठने की जगह का स्थाई इंतजाम करने के पहले ही उसे ध्वस्त कर दिया गया। प्राथमिक शाला वरसला की बिल्डिंग जर्जर अवस्था में होने के चलते लगभग बीते 6 माह पहले एसडीएम लखनादौन द्वारा डिस्मेंटल आदेश के बाद बिल्डिग को बुलडोजर की मदद से जमीदोस कर दिया गया।

लगभग छह माह पहले से बीआरसी छपारा द्वारा स्कूली छात्र-छात्राओं को एक निजी भवन में क्लास लगाने के लिए बैठाया जाने लगा। स्कूल के प्रधान पाठक पुनाराम भलावी ने जानकारी देते हुए बताया कि स्कूल की बिल्डिंग ध्वस्त होने के बाद गांव के ही एक व्यक्ति हीरा सिंह के घर में कक्षाएं लगाई जा रही थीं। कुछ दिनों से ही मकान मालिक के द्वारा मकान के किराए की डिमांड की, जिसके चलते स्कूल के प्रधान पाठक के द्वारा अपने बच्चों को लेकर स्कूल प्रांगण में खुले आसमान के नीचे बैठकर क्लास लगाकर बच्चों को शिक्षा दी जा रही है।

किराए की राशि शासन से नहीं मिलती

प्रधान पाठक ने आगे बताया कि जब उनसे मकान मालिक ने किराए की मांग की तो उन्होंने किराए देने से इनकार कर दिया। क्योंकि, उन्हें भी शासन से कोई भी राशि किराए के रूप में नहीं मिलती। इसकी वजह से वह किराए देने में असमर्थ दिखे तो सभी कक्षाएं स्कूल परिसर में लगे पेड़ के नीचे लगाने को मजबूर हो गए। प्रधान पाठक द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि उनके द्वारा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा स्कूल भवन नहीं रहने से हो स्कूल संचालित करने में हो रही परेशानियों के विषय में अवगत कर दिया गया। विभाग द्वारा इस और ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

बीआरसीसी ने जल्द व्यवस्था करने का दिया आश्वासन

जब इस मामले में स्थानीय बीआरसी रवि शंकर से बातचीत की गई तो उन्होंने मामले को संज्ञान में लिया। उन्होंने कहा कि जल्द ही किसी अन्य व्यक्ति के घर स्कूल लगाने की व्यवस्था की जाएगी ताकि बच्चों को उचित प्रकार से बिठाया जा सके और शिक्षा ग्रहण कराई जा सके। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि नई बिल्डिंग को लेकर जिला स्तर से भोपाल तक फाइल पहुंचा दी गई लेकिन अभी तक स्वीकृति नहीं मिली।

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