Shivpuri News: शिवपुरी में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं ठप, प्रसूता को अस्पताल में नहीं मिला डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ
Shivpuri News: शिवपुरी में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की लचर हकीकत उजागर करने वाला एक मामला सामने आया है। जहां एक प्रसूता मुश्किल परिस्थिति में अस्पताल पहुंचती है, लेकिन उसे वहां न तो डॉक्टर मिलता है और न ही नर्सिंग स्टाफ। नौबत यहां तक पहुंच गई कि महिला के प्राण संकट में आते दिखाई देने लगे। घंटों बाद मेडिकल स्टाफ के पहुंचने के बाद महिला का इलाज शुरू हो सका। आइए पूरे मामले पर प्रकाश डालते हैं।
शनिवार को पीएससी खोड़ से जिला अस्पताल रैफर किए जाने के दौरान एक प्रसूता ने 108 जननी सुरक्षा एम्बुलेंस में ही नवजात को जन्म दे दिया था। परिजन डिलीवरी के बाद उपचार के लिए प्रसूता को एंबुलेंस के द्वारा सिरसौद के स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर परिजन के होश तब उड़ गए जब उन्हें वहां न तो कोई डॉक्टर मिला और न ही कोई नर्सिंग स्टाफ से जुड़ा कोई व्यक्ति मिला।
लापरवाही से परिजन उखड़े
ऐसी विकट परिस्थिति में भी प्रसूता और उसके परिजनों को अस्पताल के बाहर बैठकर ही इंतजार करना पड़ा। जब इस मामले को लेकर परिजनों के सब्र का बांध टूट गया तो उन्होंने हंगामा मचाना शुरू कर दिया। आनन-फानन में अस्पताल से नर्सिंग कर्मियों को फोन कॉल किया गया। मामला बिगड़ते देख नर्सिंगकर्मी अस्पताल पहुंचे और महिला को उपचार दिया।
जच्चा-बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ
महिला का नाम सीमा लोधी बताया जा रहा है और वह खोड़ चौकी क्षेत्र के नादिया नया खेरा गांव की रहने वाली है। इस पूरे प्रकरण में संतोषजनक बात ये है कि तमाम मुश्किलों के बाद फिलहाल महिला की हालत खतरे से बाहर है। इसके अलावा उसका नवजात बच्चा भी पूरी तरह से स्वस्थ है।
दो दिन पूर्व प्रसूता के पेट से निकला था कपड़ा
प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्था लगभग एक जैसी ही नजर आ रही है। हाल ही में देवास में डॉक्टरों की लापरवाही के चलते एक प्रसूता के पेट में कपड़ा छूट गया था। इसके बाद महिला के पेट में संक्रमण फैल गया था और उसका स्वास्थ्य बिगड़ गया था। जैसे-तैसे महिला की जान बचाई जा सकी थी।
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