Singrauli Local News: सरकार ने नहीं सुनी फरियाद तो खुद चंदा उगाकर बना दी 3 किलोमीटर लंबी सड़क

रोजाना की आवाजाही में आ रही परेशानी से तंग आकर ग्रामीणों ने थक-हारकर अपने प्रयास से ही सड़क निर्माण करने की ठान ली।
singrauli local news  सरकार ने नहीं सुनी फरियाद तो खुद चंदा उगाकर बना दी 3 किलोमीटर लंबी सड़क

Singrauli Local News: सिंगरौली। सिंगरौली जिले के अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक लगातार गुहार लगाने के बाद भी जब सड़क नहीं बनी तो ग्रामीणों ने एक अनूठा कदम उठा लिया। रोजाना की आवाजाही में आ रही परेशानी से तंग आकर ग्रामीणों ने थक-हारकर अपने प्रयास से ही सड़क निर्माण करने की ठान ली। यह कहानी है सिंगरौली जिले जनपद पंचायत देवसर के मटिया गांव की, जहां ग्रामीण लगातार तीन वर्षों तक सरकारी स्तर पर सड़क निर्माण कार्य शुरू होने का इंतजार करते रहे लेकिन न तो कोई राजनेता और न ही कोई पदाधिकारी सड़क निर्माण के लिए आगे आए। ऐसे में थक-हार कर ग्रामीणों ने खुद के पैसे और मेहनत से ही सड़क का निर्माण करवा लिया।

ग्रामीणों को पगडंडियों और नदी-नालों से होकर जाना पड़ता था

सड़क निर्माण कार्य में लगे ग्रामीणों (Singrauli Local News) ने बताया कि आजादी के 78 साल बाद भी हम लोग सड़क जैसी महत्वपूर्ण सुविधा के लाभ से वंचित हैं। मटिया से लेकर अधियरिया पुरैल पहुंच मार्ग तक जाने के लिए लोगों को ऐसे रास्ते से गुजरना होता है जहां तीन किलोमीटर तक सड़क ही नहीं है। इस वजह से स्थानीय क्षेत्र के करीब एक हजार की आबादी को पगडंडियों एवं नदी-नालों से होकर गुजरना पड़ता है, खासकर बरसात के दिनों में भीषण परेशानी उठानी पड़ती है।

50 हजार जमा कर बनवाई सड़क, दो दर्जन गांवों को होगा फायदा

ग्रामीणों ने जानकारी देते हुए बताया कि जब कोई ग्रामीण बीमार पड़ जाता था तो अस्पताल तक लाने में काफी कठिनाईयां झेलनी पड़ती थी, कई बार तो सड़क नहीं होने का खमियाजा भी ग्रामीणों को भुगतना पड़ा है। समय पर अस्पताल नहीं पहुंचने पर मरीज की मौत तक हो जाती है। सड़क नहीं रहने का दर्द वहां के लोगों को कई सालों से परेशान कर रहा था। ऐसे में सभी ग्रामीणों (Singrauli Local News) ने मिलकर तय किया कि हम सब मिलकर क्यों न सड़क का निर्माण कर लें। आपसी रजामंदी से ग्रामीणों ने करीब 50 हजार रुपए का चंदा इकट्ठा करके कच्ची सड़क का निर्माण कार्य प्रारंभ करने का निर्णय लिया जो आज बनकर तैयार है। इस सड़क के बनने से लगभग दो दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीणों को लाभ होगा।

(सिंगरौली से ओम प्रकाश दुबे की रिपोर्ट)

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