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Subarnarekha River News: स्वर्णरेखा नदी के निरीक्षण के दौरान मिली कई खामियां, जल संकट से जूझ सकता है ग्वालियर!

Subarnarekha River News: ग्वालियर के बीचों-बीच बहने वाली स्वर्णरेखा नदी को पुनर्जीवित करने को लेकर हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ के आदेश पर टीम गठित की गई।
03:28 PM Mar 03, 2025 IST | Pushpendra

Subarnarekha River News: ग्वालियर। जिले के बीचों-बीच बहने वाली स्वर्णरेखा नदी को पुनर्जीवित करने को लेकर हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ के आदेश पर गठित की गई टीम ने आज रविवार को स्वर्ण रेखा नदी में मिलने वाले जल स्रोतों और बांधों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कई तरह की खामियां भी सामने आईं। इसकी विस्तृत रिपोर्ट बनाकर हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी।

स्वर्णरेखा नदी को लेकर जद्दोजहद

निरीक्षण के दौरान गठित टीम में अलग-अलग विभाग, प्रशासनिक अधिकारी, पिटिशनर की ओर से अधिवक्ता और शासकीय अधिवक्ता भी मौजूद रहे। गौरतलब है कि स्वर्णरेखा को लेकर हाई कोर्ट विशेष रुचि ले रही है। स्वर्णरेखा नदी को लेकर किए गए प्रयासों की समीक्षा भी समय-समय पर की जा रही है। नदी के बिगड़े स्वरूप को सुधारने के लिए कोर्ट की तरफ से सख्ती के बावजूद नगर निगम, जिला प्रशासन और अन्य जिम्मेदार विभाग की आए दिन खामियां उजागर हो रही हैं। जिसके चलते जिम्मेदार अधिकारीयों को हाईकोर्ट फटकार भी लग चुकी है।

नदी को पुनर्जीवित करने की पहल

निरीक्षण टीम में शामिल पिटिशनर अधिवक्ता विश्वजीत रतोनिया ने बताया कि माननीय न्यायालय के निर्देश पर ग्वालियर की जीवनदायनी स्वर्ण रेखा नदी को पुनर्जीवित करने के प्रकरण में न्यायालय द्वारा गठित की गई टीम ने निरीक्षण किया। जिन स्थानों से स्वर्णरेखा नदी में पानी आता है, उन सभी बांधों का भी निरीक्षण किया गया। इस दौरान प्रशासनिक अमला, वन विभाग, स्मार्ट सिटी, नगर निगम और जल संसाधन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। वहीं, निरीक्षण में जल संसाधन विभाग के कागजी दावे खोखले नजर आए।

प्रशासन है गंभीर

जिन बांधों को रिवाइवल करने की बात कही जा रही थी, धरातल पर वहां अतिक्रमण, कचरा और मलवा मिला। अब एक विस्तृत रिपोर्ट बनाकर माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी। इसके बाद माननीय न्यायालय अगला आदेश देगा। अगर जल्दी ही जल स्त्रोतों पर ध्यान नहीं दिया गया तो ग्वालियर के लिए पानी की गंभीर समस्या से जूझना पड़ेगा। कई जगहों के जल स्त्रोत सूख गए और नाले में तब्दील हो गए। वीरपुर बांध पर तो खेती शुरू हो गई।

ग्वालियर के लिए कभी जल स्रोतों की श्रृंखला में प्रमुख भूमिका निभाने वाला वीरपुर बांध इन दिनों फिर से नाला बनकर रह गया। वीरपुर बांध का पानी देखते ही देखते कहां गायब हो गया, इस बारे में न तो जल संसाधन विभाग को पता है और न ही नगर निगम को कोई जानकारी है। हालात ये हैं कि अगस्त में करीब 12 फीट तक भरने वाला वीरपुर बांध पूरी तरीके से वीरान हो चुका है। एक वक्त यह बांध ग्वालियर में जलापूर्ति करने के लिए सबसे बड़ा साधन हुआ करता था।

(ग्वालियर से सुयश शर्मा की रिपोर्ट)

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