Suresh Pachauri: बीजेपी की स्टार प्रचारक सूची से पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी गायब, नहीं मिला सूची में स्थान
Suresh Pachauri: भोपाल। लोकसभा चुनाव के दौरान गांधी परिवार के करीबी सुरेश पचौरी ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी का दामन धाम लिया था। माना जा रहा था कि पचौरी ने अपने निजी स्वार्थ के चलते बीजेपी का दामन थामा। बीजेपी ने उनको पहले हुई सभाओं में साथ रखा था लेकिन इस बार जो स्टार प्रचारक की सूची आई है, उसमें पचौरी का नाम नहीं है। आपको बता दें कि एमपी में बुधनी और विजयपुर विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनावों के लिए भाजपा ने स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है। इस लिस्ट में सुरेश पचौरी का नाम शामिल नहीं किया गया है।
शिवराज सिंह के साथ सभाओं में साथ रहे पचौरी
लोकसभा चुनाव के दौरान राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के साथ विदिशा लोकसभा चुनाव और पार्टी के बाकी चुनावी कार्यक्रमों में सुरेश पचौरी मंचों पर दिखाई दिए लेकिन अब सुरेश पचौरी (Suresh Pachauri) को सूची में शामिल न किए जाने पर कांग्रेस को चुटकी लेने का मौका मिल गया है। कांग्रेस प्रवक्ता के. के. मिश्रा ने कहा कि ये बीजेपी है, मौका निकलने के बाद दूध में आई मक्खी की तरह लोगों को बाहर फेंक देते हैं। वैसे भी पार्टी को अब समझ आ गया कि ये वही नेता है जो पार्टी को एक वोट न दिला सकें।
बीजेपी बोली, पार्टी में तय होता है कि किसे क्या जिम्मेदारी दी जाए
सुरेश पचौरी को बीजेपी ने लोकसभा में शामिल किया था। माना जा रहा था कि पचौरी को शामिल करने की वजह कांग्रेस को एक सन्देश देना था कि पार्टी ने गांधी परिवार के करीबी नेता को बीजेपी में शामिल करा लिया है। सबसे महत्वपूर्ण बात, पचौरी ब्राह्मण नेता हैं। आपको बता दें, लोकसभा चुनावों के लिए बीजेपी ने स्टार प्रचारकों की जो लिस्ट जारी की थी उसमें सुरेश पचौरी (Suresh Pachauri) का नाम भी शामिल था।
स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल हैं 40 नाम
बीजेपी ने स्टार प्रचारकों में केंद्रीय मंत्री सहित प्रदेश के संगठन और सरकार में शामिल मंत्रियों को शामिल किया है। इस सूची में पूर्व मंत्रियों को भी शामिल किया गया है। स्टार प्रचारकों की सूची में प्रदेश अध्यक्ष वी. डी. शर्मा, मुख्यमंत्री मोहन यादव, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह, शिवप्रकाश, वीरेंद्र खटीक, ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरोत्तम मिश्रा, गोपाल भार्गव, जयभान सिंह एवं संगठन के बड़े नेताओं को मिलाकर कुल 40 लोगों को शामिल किया गया है।
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