Swine Flu News: जबलपुर में स्वाइन फ्लू की दस्तक, 11 पॉजीटिव, 10 अन्य में लक्षण

Swine Flu News: जबलपुर। बारिश के सीजन में स्वाइन फ्लू ने जबलपुर में जोरदार दस्तक दी है। जबलपुर और संभाग के आसपास के जिलों में स्वाइन फ्लू के एक-दो नहीं बल्कि 11 पॉजिटिव मरीज मिले हैं। सर्दी, खांसी, बुखार और...
swine flu news  जबलपुर में स्वाइन फ्लू की दस्तक  11 पॉजीटिव  10 अन्य में लक्षण

Swine Flu News: जबलपुर। बारिश के सीजन में स्वाइन फ्लू ने जबलपुर में जोरदार दस्तक दी है। जबलपुर और संभाग के आसपास के जिलों में स्वाइन फ्लू के एक-दो नहीं बल्कि 11 पॉजिटिव मरीज मिले हैं। सर्दी, खांसी, बुखार और मौसमी संक्रमण की जांच के दौरान 11 मरीजों की रिपोर्ट पॉजीटिव आने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।

मरीजों की हालत नहीं है चिंताजनक

यहां पर 11 मरीजों की रिपोर्ट पॉजीटिव आने के साथ-साथ 10 और अन्य मरीजों में भी स्वाइन फ्लू के लक्षण मिले हैं। स्वाइन फ्लू पॉजीटिव मरीजों का जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल हॉस्पिटल सहित अन्य निजी अस्पतालों में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं डॉक्टर संजय मिश्रा के मुताबिक मरीजों की हालत चिंताजनक नहीं है और वह मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी लैब से रिपोर्ट कंफर्म होने के बाद शासन के अधिकृत स्वास्थ्य पोर्टल पर दर्ज किए गए हैं।

सभी स्वाइन फ्लू पॉजिटिव मरीज पूरी तरह स्वस्थ हैं और कुछ उपचार पूरा होने के बाद घर जा चुके हैं। हालांकि इस दौरान स्वाइन फ्लू पॉजीटिव मरीज को कोविड के जैसे प्रोटोकॉल का पालन करना बेहद जरूरी है, क्योंकि जरा सी लापरवाही स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकती है।

निजी अस्पतालों में भी बनाए गए हैं आइसोलेशन वार्ड

डॉ. संजय मिश्रा के मुताबिक स्वाइन फलू रोगी को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया जाता है। पूर्व में केवल नेताजी सुभाष चन्द्र बोस मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड था, अब निर्धारित मापदंड के आधार पर निजी अस्पतालों में भी आइसोलेशन वार्ड बन गये है। लिहाजा संक्रमित व्यक्ति निजी अस्पतालों में भी भर्ती हैं। स्वाइन फ्लू को लेकर दहशत का माहौल न बने इसलिए स्वास्थ्य अमला मरीजों को लेकर पूरी सावधानी बरत रहा है।

गौरतलब है कि 2009-10 के फ्लू सीजन के दौरान, एक नया एच-1 एन-1 वायरस मनुष्यों में बीमारी का कारण बनने लगा। इसे अक्सर स्वाइन फ्लू कहा जाता था और यह इन्फ्लूएंजा वायरस का एक नया संयोजन था जो सूअरों, पक्षियों और मनुष्यों को संक्रमित करता था। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2009 में एच1एन1 फ्लू को महामारी घोषित किया था। लेकिन महामारी से निकला एच1एन1 फ्लू स्ट्रेन मौसमी फ्लू का कारण बनने वाले स्ट्रेन में से एक बन गया।

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