Telegram Fraud Cases: सिर्फ 10 हजार रुपए के लिए बैंक मैनेजर खोलता था फर्जी खाते, फिर करते थे टेलीग्राम पर फ्रॉड, हुए गिरफ्तार

Telegram Fraud Cases: ग्वालियर। जिला पुलिस ने इंस्टेंट मैसेजिंग एप टेलिग्राम के जरिए फ्रॉड करने वाले एक गिरोह को गिरफ्तार किया है। गिरोह के गिरफ्तार किए गए सदस्यों में एक बैंक मैनेजर भी है जिसकी मिलीभगत से सारे फर्जीवाड़े को...
telegram fraud cases  सिर्फ 10 हजार रुपए के लिए बैंक मैनेजर खोलता था फर्जी खाते  फिर करते थे टेलीग्राम पर फ्रॉड  हुए गिरफ्तार

Telegram Fraud Cases: ग्वालियर। जिला पुलिस ने इंस्टेंट मैसेजिंग एप टेलिग्राम के जरिए फ्रॉड करने वाले एक गिरोह को गिरफ्तार किया है। गिरोह के गिरफ्तार किए गए सदस्यों में एक बैंक मैनेजर भी है जिसकी मिलीभगत से सारे फर्जीवाड़े को अंजाम दिया जाता था। इस संबंध में पुलिस को कई शिकायतें मिल चुकी थी। गिरोह लोगों को टेलीग्राम ग्रुप में जॉब टॉस्क का झांसा (Telegram Fraud Cases) देकर ठगी करता है।

पुलिस अधीक्षक को मिला था शिकायती आवेदन, इसी से हुआ खुलासा

दरअसल पुलिस अधीक्षक ग्वालियर राकेश कुमार सगर को एक फरियादी बलविन्दर सिंह गिल, निवासी सिटी सेन्टर, ग्वालियर ने शिकायती आवेदन दिया। आवदेन में उसने बताया था कि उसे जॉब टॉस्क का झांसा देकर टेलीग्राम ग्रुप में एड करके 9,45,000/- रूपये की ऑनलाइन धोखाधड़ी की गई है। पुलिस अधीक्षक ग्वालियर ने उसकी शिकायत को गंभीरता से लेते हुये जिले की सायबर क्राइम टीम को तत्काल कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया। आवेदन की जांच के लिए सायबर क्राइम विंग को लगाया गया और क्राइम ब्रांच में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

ग्वालियर से ही हो रहा था पैसों का सारा लेन-देन

मामले की छानबीन के दौरान पाया गया कि अधिकतर राशि ग्वालियर के बैंक अकाउंट में स्थानांतरित हुई है। छानबीन में यह भी पता चला कि उक्त बैंक खाते से कुछ राशि ग्वालियर में ही निकाली गई है। पुलिस टीम को तकनीकी सहायता के आधार पर ज्ञात हुआ कि जिस बैंक खाते में फ्रॉड की राशि स्थानांतरित हुई है, वह खाता सोहेल खान पुत्र कल्लू खान निवासी मेवाती मोहल्ला ग्वालियर का है। इस पर पुलिस टीम द्वारा उक्त खाता धारक को हिरासत में लेकर उसकी निशादेही पर उसके अन्य साथियों को भी हिरासत में लिया गया।

बैंक मैनेजर के साथ मिलकर चल रहा था काम

पकड़े गये आरोपियों से पूछताछ करने पर पता चला कि आरोपी प्रयल अष्ठाना द्वारा अपने साथी इमरान खान, आकाश कोहली, वीर सिंह कौरव व साथी फैडरल बैंक के डिप्टी मैनेजर ऋतिक सनोटिया के साथ मिलकर ऑनलाइन ठगी (Telegram Fraud Cases) के लिये लोगों के खाते खोलकर सायबर फ्रॉड़ के लिए उपलब्ध कराते थे। इन्हीं खातों के जरिए पूरे फर्जीवाड़े को अंजाम दिया जाता था।

इस तरह होता था काम

आरोपीगण इमरान व आकाश ऐसे लोगों को ढूंढते थे जिन्हें पैसों की जरूरत होती थी। ये लोग उन्हें पैसे देकर खाता खुलवाने के लिये प्रयल अष्ठाना के पास भेजते थे। प्रयल अष्ठाना अपने साथी वीरू कौरव के साथ मिलकर खाता खुलवाने व पैसे निकालने के लिये बैंक जाता था। आरोपी प्रयल अष्ठाना अपने साथी सिटी सेंटर स्थित फैड़रल बैंक के डिप्टी मैनेजर ऋतिक सनोटिया से भेजे गये लोगों के खाते ज्यादा वैरीफिकेशन न करके जल्द से जल्द खोलने की बोलता था और उसके एवज में प्रति खाते पर 10,000/- रूपये फैडरल बैंक के डिप्टी मैनेजर को देता था।

ये भी हुआ बरामद

गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पुलिस को 8 एटीएम कार्ड, 2 बैंक पासबुक, 2 चेकबुक, 3 सिमकार्ड, 9 मोबाइन फोन तथा एक स्विफ्ट कार भी जप्त हुई है। पुलिस टीम द्वारा उक्त प्रकरण में अन्य बैंक कर्मचारियों के साथ आरोपीगणों की संलिप्तता के संबंध में भी बारीकी से जांच की जा रही है। पुलिस को उम्मीद है कि गिरफ्तार किए गए गिरोह के सदस्यों से पूछताछ में कुछ अन्य घटनाओं का भी खुलासा हो सकता है।

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