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Chhindwara Jawan Kabir martyred : जम्मू में आतंकी को ढेर कर शहीद हुए छिंदवाड़ा के कबीर, कल दी जाएगी अंतिम विदाई

Chhindwara Jawan Kabir martyred : छिंदवाड़ा। जम्मू कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़ में छिंदवाड़ा का एक लाल शहीद हुआ है। छिंदवाड़ा के कबीर की आतंकियों से मुठभेड़ हुई थी। कबीर के साथ सुरक्षा बल के और जवान भी थे। मुठभेड़...
05:03 PM Jun 12, 2024 IST | Vivek Chaturvedi

Chhindwara Jawan Kabir martyred : छिंदवाड़ा। जम्मू कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़ में छिंदवाड़ा का एक लाल शहीद हुआ है। छिंदवाड़ा के कबीर की आतंकियों से मुठभेड़ हुई थी। कबीर के साथ सुरक्षा बल के और जवान भी थे। मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को ढेर कर दिया, मगर इस ऑपरेशन में छिंदवाड़ा के कबीर उइके शहीद हो गए।

आतंकी को ढेर कर शहीद हुए कबीर

जम्मू कश्मीर में यह आतंकी हमला मंगलवार रात को हुआ था। आतंकियों ने पहले जम्मू कश्मीर के कठुआ के हीरानगर स्थित सैदा सुखल गांव में हमला किया था। इसके बाद सेना ने आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन शुरू किया, तो आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच काफी देर मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने एक आतंकी को ढेर कर दिया। मगर मुठभेड़ में सेना का एक जवान शहीद हो गया। जबकि पांच जवान घायल हो गए।

2011 में सेना में भर्ती, 35 की उम्र में शहीद

भारत माता की रक्षा करते शहीद हुए कबीर दास उइके छिंदवाड़ा के पुलपुलडोह इलाके के रहने वाले थे। वो जम्मू कश्मीर के कठुआ में सेना में हेड कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात थे। कबीर दास 2011 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। 35 साल की उम्र में कबीर शहीद हो गए। उनकी पार्थिव देह को कल पैतृक गांव छिंदवाड़ा लाया जाएगा।

कबीर ही चला रहे थे पूरा परिवार

कबीर उइके के शहीद होने से उनके गांव में शोक का माहौल नजर आया। लोगों ने कहा कि उनके गांव के सपूत ने भारत मां की रक्षा करते हुए बलिदान दिया है। मगर कबीर अपने परिवार का इकलौता सहारा थे। ग्रामीणों ने बताया कि कबीर दास उइके की 4 साल पहले ही शादी हुई थी। उनके पिता का पहले ही निधन हो चुका है। कबीर के परिवार में बुजुर्ग मां और दो बहनें हैं। कबीर दास उइके ही पूरे परिवार का इकलौता सहारा थे। उनके शहीद होने से परिवार का वह इकलौता सहारा भी छिन गया।

कबीर का जल्द होना था ट्रांसफर

आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए कबीर दास कुछ दिनों पहले ही गांव से छुट्टी बिताकर ड्यूटी पर लौटे थे।  उन्होंने परिवार से इस बार जल्दी घर आने का वादा किया था। इस बीच जानकारी मिली है कि कबीर का जल्द ही जम्मू कश्मीर से ट्रांसफर भी होने वाला था। कबीर को मध्यप्रदेश के भोपाल में ही पोस्टिंग मिलने वाली थी। इससे पहले ही कबीर शहीद हो गए।

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