Child Birth Roadside: नर्स ने आदिवासी महिला को अस्पताल से किया बाहर, प्रसूती ने नवजात को सड़क किनारे दिया जन्म
Child Birth Roadside: सिंगरौली। जिले से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां पर प्रसव कराने के लिए आदिवासी महिला पहुंची थी लेकिन महिला की हालात देखकर स्टाफ नर्सों ने उसे रेफर करने के लिए बोल दिया और पर्चा बना दिया। आदिवासी परिवार के पास गाड़ी बुक करने के पैसे और संसाधन नहीं थे। इसलिए उन्हें जननी एक्सप्रेस वाहन का करीब 6 घंटे तक इंतजार करना पड़ा। इस दौरान महिला स्टाफ ने प्रसूती को अस्पताल से बाहर कर दिया और महिला ने बाहर ही बच्चे को जन्म दिया।
जननी एक्सप्रेस के लिए गुहार:
कई बार ऐसे केस हमें सुनने को मिलते हैं कि मन व्यथित हो जाता है। ऐसा ही मामला सिंगरौली के गांव बैरिहवा से देखने को मिला। यह इलाका आदिवासी है, जहां आज भी लोग बेसिक बुनियादी चीजों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। आदिवासी गुड्डी बैगा गर्भवती थी और परिजन उसे लेकर बगैया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रसव कराने पहुंचे। महिला की मौजूदा हालात देखकर मौजूद स्टाफ नर्सों ने उसे रेफर करने का पर्चा बना दिया। लेकिन, दो जून की रोटी के लिए संघर्ष करता परिवार वाहन का खर्चा वहन करने में असमर्थ था। इस वजह से उन्होंने सरकारी गाड़ी के लिए अस्पताल प्रबंधन से गुहार लगाई।
सड़क पर दिया बच्चे को जन्म:
परिवार के पास इतने पैसे नहीं थे कि वे वाहन बुक करके बड़ी जिला अस्पताल पहुंच सकें। इसलिए आदिवासी परिवार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ही 6 घंटे तक जननी एक्सप्रेस वाहन का इंतजार करता रहा। प्रसूती का दर्द बढ़ता गया और वह दर्द से तड़प रही थी। इसके बावजूद महिला को स्टाफ नर्सों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से बाहर कर दिया। देर रात सड़क किनारे ही महिला का प्रसव हो गया। इसकी सूचना जब नर्सों को लगी तो उन्होंने महिला को भर्ती करके इलाज शुरू कर दिया। महिला का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार जारी है और जच्चा-बच्चा स्वस्थ बताए जा रहे हैं।
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