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Digvijay Singh Latter: दिग्विजय सिंह का यह लेटर जमकर हो रहा वायरल, लहसुन और प्याज को एक ही अनुसूची में करने के लिए सीएम को पत्र

Digvijay Singh Latter: भोपाल। विपक्ष ने किसानों के मुद्दे पर पहले शिवराज सिंह चौहान और अब प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को घेरा। दिग्विजय सिंह ने याद दिलाया है कि आपके राज्य में प्याज और लहसुन को सब्जियों की कैटेगरी...
04:29 PM Aug 16, 2024 IST | Saraswati Chander

Digvijay Singh Latter: भोपाल। विपक्ष ने किसानों के मुद्दे पर पहले शिवराज सिंह चौहान और अब प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को घेरा। दिग्विजय सिंह ने याद दिलाया है कि आपके राज्य में प्याज और लहसुन को सब्जियों की कैटेगरी में नहीं रखा गया। इस वजह से किसान को लहसुन और प्याज बेचने के लिए दो मंडियों में जाना पड़ रहा है।

पत्र से खींचा सबका ध्यान

दिग्विजय ने सीएम मोहन यादव को मंडी एक्ट में संशोधन करने की मांग की है। दिग्विजय ने सीएम का और मालवा तथा निमाड़ के किसानों का ध्यान खींचने के लिए पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 में अधिसूचित प्याज और लहसुन के विक्रय के संबंध में आपका ध्यान आकर्षित करना चाह रहा हूं। मंडी एक्ट में प्याज को अनुसूची आठ अंतर्गत घोषित सब्जियों की सूची में रखा गया है, वहीं लहसुन को अनुसूची दस के तहत चटनी का भाग माना गया है।

प्रदेश में कृषि उपजों को बेचे जाने के लिए कृषि मंडी अधिसूचित है। राज्य मंडी बोर्ड अनाज बेचे जाने की प्रक्रिया के संबंध मं कृषि उपज उपविधि सन 2000 का प्रकाशन किया गया था। इसी प्रकार सब्जियों को बेचे जाने के लि फल-सब्जी विपणन उपविधि 2000 लागू हुआ। इस प्रोसेस के तहत अनाज और सब्जियों का क्रय-विक्रय पिछले 25 सालों से चल रहा है।

मालवा और निमाड़ किसानों के साथ छलावा

प्रदेश के मालवा और निमाड़ अंचल के प्रगतिशील किसानों की मेहनत का परिणाम है कि आज इंदौर की कृषि तथा फल सब्जी मंडियों ने देश में अग्रणी स्थान बना लिया है। विगत दो दशकों में मालवा-निमाड़ क्षेत्र के लगभग सभी जिलों में रिकार्ड प्याज एवं लहसुन का उत्पादन हो रहा है। देश के सभी राज्यों सहित विदेशों में भी प्रदेश में उत्पादित प्याज-लहसुन की बिक्री हो रही है। किसान उचित मूल्य में विक्रय नहीं होने की समस्या से जूझ रहे है।

लहसुन और प्याज को अधिसूचित करे सरकार

पिछले कुछ दिनों पहले किसानों एवं व्यापारियों के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात के दौरान यह मुद्दा उठाया है कि प्याज के साथ-साथ लहसुन की बिक्री भी फल-सब्जी मंडियों से की जाने के संबंध में शासन स्तर से निर्णय लेकर लहसुन को सब्जी के एक प्रकार के रूप में अधिसूचित किया जाना चाहिये। अभी लहसुन मंडी एक्ट की दसवी अनुसूची में होने से कृषि उपज मंडी में बेचे जाने का प्रावधान है। इससे प्याज और लहसुन का उत्पादन करने वाले किसानों को दो-दो मंडियों में जाना पड़ता है।

इस दोहरी प्रक्रिया में किसानों के साथ-साथ व्यापारी भी परेशान होते है। प्याज और लहसुन दोनो उत्पाद सब्जी के अंतर्गत आते है और किसान एक साथ बोते है और एक साथ बेचने भी आते है। प्रदेश के किसानों के साथ-साथ व्यापारियों की सुविधा की दृष्टि से मंडी एक्ट की अनुसूची दस से लहसुन को हटाकर अनुसूची आठ में अधिसूचित सब्जियों के साथ शामिल करना उचित होगा। किसानों के हित में मंडी एक्ट में संशोधन करने के संबंध में निर्णय लें। यह पत्र सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।

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