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Tiger Death in MP: टाइगर स्टेट मध्य प्रदेश बाघों की मौत में नंबर वन, खतरे में टाइगर स्टेट का ताज!

MP Tiger State भोपाल: टाइगर स्टेट मध्य प्रदेश बाघों की मौत के मामले में भी देश में नंबर वन है। एक साल में प्रदेश में 23 बाघों की मौत से हड़कंप मच गया है। बांधवगढ़ में सबसे ज्यादा 12...
02:59 PM Jul 12, 2024 IST | Amit Jha

MP Tiger State भोपाल: टाइगर स्टेट मध्य प्रदेश बाघों की मौत के मामले में भी देश में नंबर वन है। एक साल में प्रदेश में 23 बाघों की मौत से हड़कंप मच गया है। बांधवगढ़ में सबसे ज्यादा 12 बाघों की मौत हुई है। आखिर प्रदेश में लगातार हो रही बाघों की मौत का जिम्मेदार कौन है?

NTCA ने दिए थे जांच के आदेश

NTCA ने 4 माह पहले मध्य प्रदेश वन विभाग से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की जांच कर बाघों की मौत की वजह पता करने के लिए कहा था। इस आदेश के बाद वन विभाग ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया। कमेटी ने बांधवगढ़ में पिछले तीन साल में मारे गए बाघों की वजह छानबीन की।

जांच में चौंकाने वाले खुलासे

कमेटी ने जांच में पाया कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में ज्यादातर बाघों की मौतें आपसी संघर्ष की वजह से नहीं हुई हैं, बल्कि बाघों की मौत के पीछे स्थानीय स्टाफ की लापरवाही और शिकारियों मिलीभगत रही है। इस रिपोर्ट के बाद वन विभाग महकमे में हड़कंप मच गया है। वन विभाग को कुछ ऐसे सबूत मिले हैं, जिससे यह पता चलता है कि स्थानीय शिकारी अंतरराष्ट्रीय तस्करों के संपर्क में हैं।

तस्करों के खाते में अंतरराष्ट्रीय मनी ट्रांजेक्शन 

रिपोर्ट में आधी मौतों का कारण पदस्थ मैदानी स्टाफ की लापरवाही को भी जिम्मेदार माना गया है। वहींं, शिकारियों से कनेक्शन और संबंधों का जिक्र भी किया गया है। बांधवगढ़ में स्थानीय शिकारियों के तार विदेशी तस्करों से भी जुड़े होने के कुछ सबूत वन विभाग को मिले हैं। यहां से पकड़े गए कुछ संदिग्ध शिकारियों के बैंक खातों में पिछले कुछ सालों में अंतरराष्ट्रीय मनी ट्रांजेक्शन भी होते आ रहे हैं। वन विभाग की ओर से राज्य शासन को भेजी गई एक गोपनीय जांच रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक, यह रिपोर्ट एक माह पहले ही वन विभाग को मिल चुकी है। रिपोर्ट में शिकारियों के नेटवर्क व मनी ट्रेल की जांच के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों की सिफारिश की गई है।

किस साल कितने बाघों की मौत

2018 की जनगणना के अनुसार टाइगर की संख्या 526, देश में 2023 में करीब 100 बाघों की मौत हुई है। इसमें सबसे ज्यादा मौत मध्य प्रदेश में हूं जिनमे 26 टाइगर की मौत होना बताया गया। वहीं, 2022 में एमपी में सबसे ज्यादा 36 टाइगरों की मौत हुई। शिकारियों ने 10 बाघों का शिकार किया था। इसमें से भी 2 मामले में आज तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।

MP को मिला टाइगर स्टेट का दर्जा

देश में 19.42 फीसदी की दर से बाघों की संख्या में 715 का इजाफा हुआ। मध्यप्रदेश 785 बाघों के साथ पहले पायदान पर आया। 563 बाघों के साथ दूसरे स्थान आप कर्नाटक दूसरे और 560 बाघों के कारण उत्तराखंड तीसरे स्थान पर रहा। पांच सालों में उत्तराखंड में 118 बाघ बढ़े।

बाघों की मौत पर सियासत

वहीं, प्रदेश में बाघों की मौत पर सियासत भी तेज हो गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने सोशल मीडिया X पर लिखा है, "मध्य प्रदेश वन्य प्राणियों के लिये भी असुरक्षित प्रदेश बनता जा रहा है। टाइगर स्टेट मध्य प्रदेश में पिछले 6 महीनों में 23 बाघों की मौत हुई है, जिसमें से अकेले बांधवगढ़ में 12 बाघों की मौत हुई है। वर्ष 2024 में देश में अब तक कुल 75 बाघों की मौत हुई है जिसमें अकेले मध्यप्रदेश में 23 बाघों की मौत हुई है। देश में कुल बाघों की मौत का 30% आंकड़ा अकेले मध्यप्रदेश से है।"

कमलनाथ ने आगे लिखा है "बताया जा रहा है कि बांधवगढ़ में शिकारियों और अंतरराष्ट्रीय तस्करों की सांठगांठ से बाघों की मौत का घिनौना खेल खेला जा रहा है। वन विभाग को कुछ शिकारियों के खातों में अंतरराष्ट्रीय लेनदेन के भी सबूत मिले हैं। मैं सरकार से मांग करता हूं कि बाघों की असमान्य मौतों को गंभीरता से लें और शिकारियों एवं तस्करों की भूमिका की जांच कर अपराधियों को कड़ी सजा दिलाने की पहल करें।"

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