Tikamgarh Dirty Water: पीने का पानी बना जहर, जिंदगी और मौत से जूझ रहा पूरा गांव, 200 से ज्यादा लोगों की हालत खराब
Tikamgarh Dirty Water: टीकमगढ़। मध्य प्रदेश में मानसून की कमी से लोग जहां एक तरफ पानी की कमी से जूझ रहे हैं तो दूसरी ओर टीकमगढ़ से दूषित जल का मामला सामने आया है। यहां गंदा पानी पीने से पूरा एक गांव डायरिया की चपेट में आ गया। इस वजह से 200 से ऊपर लोग इसके शिकार हो गए हैं। इसमें 100 लोगों को जिला अस्पताल रेफर किया गया। चार दिनों से लगातार यहां डायरिया का तांडव जारी है और पूरा गांव जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहा है।
दरअसल, टीकमगढ़ (Tikamgarh Dirty Water) जिले से 7 किलोमीटर की दूरी पर बसे मिनोरा गांव के सैकड़ों लोग जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। पूरे गांव में उल्टी-दस्त से लोग पीड़ित हैं, जिसका कारण दूषित पानी बताया जा रहा है। सूचना के मुताबिक गांव में पी एच ई विभाग की नल-जल योजना से पानी सप्लाई किया जाता है। बताया जा रहा है कि जिस टंकी से पानी की सप्लाई होती है उसमें काफी गंदी थी और एक साल से साफ नहीं किया गया था।
क्यों आ रहा है गंदा पानी?
वहीं नल-जल योजना में जो पानी सप्लाई(Tikamgarh Dirty Water) के बाल लगाए गए वह भी जमीन के काफी नीचे लगे हैं और इस वजह से यहां गंदी नालियों का पानी बाल से मिलकर जाता है। यही कारण है कि गांव में हैजा,डायरिया जैसी बीमारी फैली हुई हैं। यहां लगातार चार दिनों से मरीज कम होने की बजाए बढ़ते ही जा रहे हैं। हालात इतने खराब हैं कि मरीजों के लिए गांव के आंगनवाड़ी केंद्र में अस्थाई अस्पताल बनाकर प्राथमिक उपचार दिया जा रहा है। इसके अलावा जो गम्भीर मरीज हैं उनको जिला अस्पताल रेफर किया जा रहा है।
घर-घर बांटी जा रही दवाइयां
स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में ही डेरा डाले हुए है और लोगों को घर-घर जाकर दवाइयां बांट रही है। इसमें सबसे बड़ी लापरवाही (Tikamgarh Dirty Water) पी एच ई विभाग और ग्राम पंचायत की सामने आई। जब उनको पता था कि पानी की टंकी गंदी है और पाइप लाइन फूटी तो उसे समय रहते दुरुस्त क्यों नहीं करवाया गया। इनकी गलती पूरा गांव भुगत रहा है।
मरीजों की संख्या 200 पार
अधिकारियों के दल रोज इस गांव का निरीक्षण करने में जुटे और गांव में सफाई करवा रहे हैं, जिससे संक्रमण कम हो। मगर मरीजों की संख्या लगातार बढ़ना एक चिंता का विषय बना हुआ है। आखिर मरीज उपचार के बाद भी कम क्यों नहीं हो रहे हैं। गांव के लोगों को आज भी साफ पानी नसीब नहीं हो रहा है। पंचायत के द्वारा अगर आज तक का आंकड़ा देखा जाए तो 300 लगभग हो सकता है।
कलेक्टर ने लगाई फटकार
पूरे मरीजों में से कई लोग काफी सीरियस भी बताए जा रहे हैं। इलाज के बाद भी इस मामले को लेकर टीकमगढ़ कलेक्टर अवधेश कुमार शर्मा ने सभी अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि आखिर यह बीमारी फैली कैसे और कम होने की जगह बढ़ती क्यों जा रही है। इस मामले में यदि समय रहते कंट्रोल नहीं किया गया तो दोषी विभाग के अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।