Ujjain Simhastha 2028: उज्जैन सिंहस्थ में बचे मात्र 3 साल, कछुआ चाल में निर्माण कार्य, हंगामेदार रही MIC की बैठक
Ujjain Simhastha Preparation उज्जैन: सिंहस्थ 2028 को लेकर महज 3 साल बचे हैं, लेकिन उज्जैन शहर में सिर्फ दो काम तेजी से हो रहे हैं एक तो मीटिंग और दूसरा भ्रष्टाचार गबन घोटाले की जांच। जिनका, नतीजा हमेशा की तरह सिफर ही रहा है। सोशल मीडिया पर जितनी तेज गति से उज्जैन के विकास कार्य दिखाई दे रहे हैं। उसकी बानगी धरातल पर नजर नहीं आ रही। अकेले नगर निगम की बात करें तो करोड़ों रुपयों के कार्य नगर निगम को करना है। शहर विकास के परंपरागत कार्य के अलावा सिंहस्थ 2028 की तैयारियों में नगर निगम क्यों फिसड्डी साबित हो रहा है। एमआईसी बैठक में कई ज्वलंत शील मुद्दे उठे। आइए विस्तार से जानते हैं।
सिंहस्थ को लेकर मेयर इन काउंसिल की बैठक
महापौर कार्यालय ग्रांड होटल पर मेयर इन काउंसिल की बैठक आयोजित की गई, जिसमें 21 प्रकरणों को विचार के लिए रखा गया। साथ ही प्रस्तावित बजट वित्तीय वर्ष 2025-26 मेयर इन काउंसिल, निगम परिषद के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए निगम आयुक्त द्वारा अनुमोदित किए गए बजट पर विभाग वार मंथन किया जाएगा। नगर निगम की एमआईसी बैठक में लंबित निर्माण कार्यों के मुद्दे भी उठेंगे। बीते दिनों अपर मुख्य सचिव संजय शुक्ला जब उज्जैन आए थे तो नगर निगम आयुक्त आशीष पाठक को भी निर्देशित किया था कि पुल निर्माण जो नगर निगम के हिस्से में हैं वह यदि नहीं हो पा रहे हैं तो सेतु निगम को दे दिए जाएं।
निर्माण कार्यों में क्यों हो रही देरी?
नगर निगम ने इंदौर रोड पर डी मार्ट के सामने 10 करोड़ 23 लाख रुपए से और जंतर मंतर के पास 11 करोड़ 56 लाख रुपए से दो पुल बनाने के लिए निविदा निकाली थी, जिसमें ठेकेदारों ने रुचि (Ujjain Simhastha Preparation) नहीं ली। ठेकेदार उज्जैन में क्यों काम नहीं करना चाहते, इसको लेकर भी समस्याएं सामने आ रही हैं। समय पर भुगतान न होना भी एक बड़ी वजह है।
31 करोड़ रुपए से जलवायु डेटा का प्रबंधन
नगर निगम आयुक्त आशीष पाठक 12वें क्षेत्रीय श्री आर सर्कुलर इकोनॉमी फोरम के सम्मेलन में जयपुर गए थे। इसमें उज्जैन शहर को कचरा मुक्त बनाए जाने का करार किया गया है। 135 करोड़ रुपए से कचरा प्रबंधन किया जाएगा। वहीं, 31 करोड़ रुपए से जलवायु डाटा का प्रबंध भी होगा। यह परियोजनाएं भी उज्जैन शहर में प्रारंभ होगी। इसकी रणनीति से भी एमआईसी को अवगत कराया जाएगा। वहीं, जो सम्मेलन 3 से 5 मार्च तक राजस्थान के जयपुर में रखा गया था, उसमें उज्जैन महापौर मुकेश टटवाल भी पहुंचे थे। साथ ही स्मार्ट सिटी के सीईओ संदीप शिवा भी नगर निगम आयुक्त के साथ थे। स्मार्ट सिटी ने 135 करोड़ का इंटीग्रेटेड वेस्ट मैनेजमेंट प्लान बनाकर केंद्र सरकार को स्वीकृति के लिए भेजा है, वही मध्य प्रदेश सरकार ने भी नए बजट में इसके लिए प्रावधान किया है। नगर निगम की योजना है कि कचरा संग्रहण केंद्र निष्पादन और रीसायकल प्लांट की 24 घंटे निगरानी के लिए कंट्रोल रूम भी स्थापित किया जाएगा। नए कचरा ट्रांसफर स्टेशन बनाए जाएंगे। गोदिया ट्रेचिंग ग्राउंड का उन्नयन किया जाएगा।
भोपाल से आए अधिकारियों ने 2 साल में काम पूरा करने की दी हिदायत
2 साल में 18 पुल 200 किलोमीटर लंबी समस्त सड़कें कब बनेंगी। ऐसे में प्रोजेक्ट को गति देने के लिए 100 करोड़ रुपए का अतिरिक्त फंड बनाए जाने का भी मुद्दा उठ चुका है। कुल मिलाकर सिंहस्थ के बुनियादी काम काफी धीरे (Uproar in MIC meeting in corporation) चल रहे हैं, जिसमें सरकारी विभागों को लेतलाली परस्पर संवादहीनता, अधिकारियों में समन्वय का अभाव प्रमुख वजह है।
इन आंतरिक सड़कों पर एक नजर
कर्कराज मंदिर से भूखी माता मंदिर मार्ग एवं बड़नगर रोड के लालपुर तक का मार्ग 20 करोड़ रुपए से चौड़ा किया जाएगा। खजूरी मस्जिद से अब्दाल पुरा, आरएनटी मार्ग, जीवाजी गंज थाने से गणेश चौक तक का मार्ग भी 8.5 करोड़ रुपए से चौड़ा किया जाएगा। काल भैरव मंदिर से सिंहस्थ सरोवर गणेश मंदिर तक का मार्ग 4.5 करोड़ रुपए से और नानाखेड़ा से शांति पैलेस चौराहे तक का मार्ग 5.5 करोड़ रुपए से चौड़ा करने की योजना है। इसके अलावा लगभग 120 करोड़ रुपए से माधव सेवा न्यास पार्किंग स्थल से 24 खंबा माता मंदिर तक 24 मीटर चौड़ी 360 मीटर लंबी सड़क बनाई जाएगी। इसके साथ ही नरसिंह घाट पुल तिराहे से रामघाट झालारिया मठ एवं मुंबई वाला धर्मशाला से रामघाट तक 12 मीटर चौड़ी और 450 मीटर लंबी सड़क भी प्रस्तावित है। गधा पुलिया से लालपुर ब्रिज तक 24 मीटर चौड़ी और 1463 मीटर लंबी सड़क भी प्रस्तावित है। शंकराचार्य चौराहे से मुल्लापुर तक फोरलेन सड़क बनाना प्रस्तावित है।
आखिर कब बनेगी यह सड़कें?
उज्जैन शहर की लगभग 10 आंतरिक सड़कें बनाने की योजना है। जिसके लिए 140 करोड़ रुपए की राशि भी स्वीकृत हो चुकी है। मार्गों को चौड़ा करने के लिए कई मार्गों पर निशान लगाए जा चुके हैं। इसमें गाड़ी अड्डा चौराहे से वीडी क्लोथ मार्केट, निकास चौराहा, खजूरी वाली मस्जिद, केडी गेट जूना सोमवरिया, शिप्रा नदी के बड़े पुल तक 32 करोड़ रुपए से चौड़ा किया जाना है। इसके अलावा वीडी क्लोथ मार्केट, तेलीवाडा, ढाबा रोड होकर छोटे पुल तक का मार्ग भी 25 करोड़ रुपए से चौड़ा करने की योजना है। तेलीवाड़ा से कंठाल चौराहे तक का मार्ग 6 करोड़ रुपए से चौड़ा किया जाना है। कोयला फाटक चौराहे से छत्री चौक गोपाल मंदिर तक का मार्ग 25 करोड़ रुपए से चौड़ा होगा। इन सभी कार्यों पर भी नगर निगम की एमआईसी बैठक में मुद्दा उठेगा कि आखिर यह प्रक्रिया कहां तक पहुंची है। गौर रहे कि सिंहस्थ 2028 को लेकर धीमी गति से कार्य होने पर भोपाल से आए तमाम अधिकारी नाराजगी जता चुके हैं।
(उज्जैन से विश्वास शर्मा की रिपोर्ट)
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