Ujjain Vedic Clock: उज्जैन के बाद अब PMO और संसद भवन में लगेगी वैदिक घड़ी, 189 भाषाओं में हो रही तैयार
Ujjain Vikramaditya Vedic Clock उज्जैन: मध्य प्रदेश के उज्जैन जंतर मंतर पर स्थापित देश की पहली वैदिक घड़ी के लोकार्पण के बाद अब विक्रमादित्य वैदिक दीवार घड़ी जल्द ही प्रधानमंत्री कार्यालय और नए संसद भवन में लगाई जाएगी। हाल ही में भोपाल में हुई ग्लोबल समिट में वैदिक घड़ी के छोटे स्वरूप को मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट किया है। इस तरह की 100 से अधिक वैदिक घड़ियों को बनाकर देश-विदेश में भी भेजा जाएगा।
उज्जैन में लगी वैदिक घड़ी
उज्जैन के जंतर मंतर में लगी वैदिक घड़ी का करीब एक साल पहले प्रधानमंत्री मोदी ने वर्चुअल जुड़कर लोकार्पण किया था। अब वैदिक घड़ी के मॉडल को दीवार पर लगने वाली घड़ी की तरह बनाया जा रहा है, जिसे लोग घर और ऑफिस की दीवारों पर लगा सकेंगे।इस तरह की करीब 100 से अधिक घड़ियां बनाई जा रही हैं। इन घड़ियों को देश के प्रमुख ज्योतिलिंगों, अन्य बड़े मंदिरों में और संस्थानों में लगाने के लिए भेंट किया जाएगा।
30 मार्च को लॉन्च होगा वैदिक घड़ी का डिजिटल एप
विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक श्री राम तिवारी ने बताया, "इस वैदिक घड़ी का डिजिटल एप (Vedic Clock Digital App) भी 30 मार्च को गुड़ी पड़वा के अवसर पर लॉन्च किया जाएगा। यह घड़ी विशेष तकनीक से निर्मित है, जिसमें एक चिप लगी होगी, जो बिजली जाने के बाद भी ऑटोमेटिक टाइम ज़ोन सेट करने की क्षमता रखती है। उज्जैन की वैदिक घड़ी को 189 भाषाओं में तैयार किया जा रहा है, जिससे इसे देश-विदेश में आसानी से अपनाया जा सके।"
PMO, संसद भवन और राष्ट्रपति भवन में भी लगेगी वैदिक घड़ी?
इसके साथ ही श्री राम तिवारी ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस वैदिक घड़ी (Ujjain Vikramaditya Vedic Clock) का छोटा स्वरूप भेंट करने के बाद इसे पीएमओ, संसद भवन और राष्ट्रपति भवन में लगाने का आग्रह किया गया है। वर्तमान में यह घड़ी उज्जैन के विक्रमादित्य शोध पीठ कार्यालय में स्थापित है। जल्द ही इसका बड़े पैमाने पर निर्माण कर, इसे प्रमुख धार्मिक एवं राष्ट्रीय स्थलों तक पहुंचाया जाएगा।"
वैदिक घड़ी क्या है, उद्देश्य और विशेषता?
- बता दें कि, वैदिक घड़ी (What is Vedic Clock) एक अनूठी घड़ी है जो भारतीय पंचांग और ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित समय मापने की प्रणाली का पालन करती है। इसमें समय की गणना घटी, पल, नाड़ी और विपल के आधार पर की जाएगी, जो बेहद प्राचीन भारतीय समय मापन प्रणाली का हिस्सा है। यह घड़ी वैदिक समय के साथ-साथ आधुनिक समय भी प्रदर्शित करेगी।
- वैदिक घड़ी का मुख्य उद्देश्य भारतीय संस्कृति और प्राचीन समय गणना पद्धति को पुनर्जीवित करना है। इसके साथ ही, यह भारतीयों को अपनी पारंपरिक समय प्रणाली के प्रति जागरूक करने और भारतीय संस्कृति और ज्योतिष विज्ञान को बढ़ावा देने में भी मदद करेगी।
- विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक के अनुसार, इस घड़ी की खास बात यह है कि यह वैदिक समय के साथ-साथ आधुनिक समय भी दिखाएगी। इसके अलावा, यह भारतीय पंचांग और ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित होगी, जो आधुनिक समय प्रणाली से बिल्कुल अलग है।
(उज्जैन से संजय पाटीदार की रिपोर्ट)
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