Umaria Paddy Wet: बेमौसम बारिश ने बढ़ाई किसानों की परेशानी, कौन लेगा हजारों क्विंटल धान भीगने की जिम्मेदारी?

Umaria Paddy Wet उमरिया: मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में बेमौसम बारिश ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। असमय बारिश के चलते किसान अपनी फसलों को लेकर परेशान हैं तो वहीं अब समिति के कर्मचारियों के द्वारा 2 जनवरी से...
umaria paddy wet  बेमौसम बारिश ने बढ़ाई किसानों की परेशानी  कौन लेगा हजारों क्विंटल धान भीगने की जिम्मेदारी

Umaria Paddy Wet उमरिया: मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में बेमौसम बारिश ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। असमय बारिश के चलते किसान अपनी फसलों को लेकर परेशान हैं तो वहीं अब समिति के कर्मचारियों के द्वारा 2 जनवरी से धान न खरीदने के लिए कलेक्टर को ज्ञापन दिया है। आखिर पूरा मामला क्या है, आइए विस्तार से जानते हैं।

हजारों क्विंटल धान भीगने से बढ़ी किसानों की परेशानी

पूरा मामला उमरिया जिले का है, जहां बारिश के कारण खराब हुई हजारों क्विंटल धान की संपूर्ण जवाबदारी खरीदी प्रभारियों के माथे मढ़ दी गई है। ऐसे में अब समिति के कर्मचारियों का कहना है, "बारिश में परिवहन न होने के कारण जो धान खराब (Umaria Paddy Wet) हुई है, उसकी जिम्मेदारी हम नहीं लेंगे। इसकी जिम्मेदारी कंपनी की है।"

खरीदी केंद्र के प्रभारियों ने दी चेतावनी

इतना ही नहीं, इस फैसले के विरोध में 32 खरीदी केंद्र के प्रभारियों (Paddy procurement centre in-charges) ने कलेक्टर को ज्ञापन देते हुए कहा है, "अधिक मात्रा में धान खरीदी केंद्रों में पड़ी है, जिसका उठाव NCCF समिति द्वारा नहीं किया गया है। यही वजह है कि बेमौसम बारिश होने से हजारों क्विंटल धान भीग गई। अब समिति हमारी गलती ठहराने में लगा हुआ है। अगर समिति का यही हाल रहा तो 2 जनवरी के बाद धान खरीदी बंद कर देंगे और इसकी जिम्मेदारी समिति और जिला प्रशासन की होगी। अब अगर धान खरीदी बंद होती है तो किसान बेहद प्रभावित होंगे। इसका असर पूरे जिले और प्रदेश भर में दिखाई देगा।"

Umaria Paddy Wet

इस पूरे मामले में उमरिया के अपर कलेक्टर का क्या कहना है?

वहीं, इस पूरे मामले में उमरिया के अपर कलेक्टर, मीनाक्षी बंजारे ने कहा है, जिला प्रशासन के द्वारा पत्र जारी किया गया है कि NCCF समिति द्वारा समय रहते धान को बचाने के लिए पूरी तरह से व्यवस्था (Paddy Purchase Center in Umaria) नहीं की गई। इसलिए अगर बारिश में कोई नुकसान होता है तो उसका वहन समितियां करेंगी। इसी संबंध में 32 खरीदी केंद्र के प्रभारियों ने ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में कहा गया है कि धान के उपार्जन के बाद परिवहन में जो लेट लतीफी हो रही है, उसके बोझ उन पर न डाला जाए।"

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