Umariya News: सुस्त सिस्टम की भेंट चढ़ गई प्रसूता, पहले इलाज फिर अंतिम संस्कार के लिए कंधों पर लाद कर ले जाना पड़ा
Umariya News: उमरिया। आजादी के 78 साल बीत जाने के बाद हम चांद पर पहुंचने कम भरते हैं और अपने यहां हम जननी और उसके बच्चे तक को सुरक्षित नहीं बचा पा रहे हैं। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा दोनों के लिए स्वास्थ्य विभाग एवं महिला बाल विकास के द्वारा कई योजनाएं बनाकर इन्हें सुरक्षित रखने का प्रयास किया जा रहा है। परन्तु यहां तो व्यवस्थाओं के अभाव में जच्चा और बच्चा दोनों की जान चली गई। गांव (Umariya News) में भी प्रशासनिक अमले को सूचना देने के लिए एएनएम और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को नियुक्त किया गया। परन्तु यह सूचना तंत्र भी फेल हो गया। प्रदेश के मुखिया मोहन यादव कहते हैं कि अगर मुझे इस तरह की कोई भी सूचना मिल जाए तो मैं हेलीकॉप्टर के द्वारा उसे यथास्थान तक पहुंचाने की पूरी व्यवस्था करूं,गा लेकिन किसी भी व्यक्ति को इलाज दिलवा कर उसका जीवन बचाऊंगा। लेकिन यहां तो सरकार द्वारा संरक्षित की गई बैगा जाति ही सवालों के घेरे में है। यहां यह हालात हो गए कि मृत महिला के शव को बांधकर कंधे में लाद कर 3 किलोमीटर दूर तक पैदल गांव ले जाया गया।
ज्यादा वर्षा के चलते हुई लैंडस्लाइड, रोड पर आ गया मलबा
मामला उमरिया जिले के आदिवासी ब्लॉक पाली के ग्राम घुनघुटी के पहाड़ों पर बसे बड़ी तुम्मि गांव का है। यहां पर पिछले दिनों अधिक वर्षा होने के कारण लैंडस्लाइड हुआ जिस कारण से पहाड़ का मलबा सड़कों पर आ गया। जिला प्रशासन द्वारा मलबा साफ ना कराए जाने पर वहां का आवागमन अवरुद्ध हो गया। इस कारण प्रसूता एवं उसके बच्चे की जान चली गई। मृतक महिला को कुछ दिन पहले से उल्टी दस्त की शिकायत थी। इस दौरान वह गर्भवती भी थी और प्रसव पीड़ा होने से महिला को पहले मोटरसाइकिल के द्वारा गांव से 70 किलोमीटर दूर मानपुर उप स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचाया गया। जहां पर इलाज के दौरान उसके बच्चे की मौत हो चुकी थी।
अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई मौत
उस समय डॉक्टर ने जांच के दौरान पाया कि महिला के शरीर में खून की कमी है। इसके बाद उसे उमरिया जिला चिकित्सालय रेफर किया गया। उमरिया जिला चिकित्सालय लाते समय महिला ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। उसके बाद से जो इनके साथ अमानवीय कृत्य हुए, वह बताने में भी शर्म महसूस हो रही है। पहले तो उस महिला के शव को एंबुलेंस से उतार कर प्राइवेट वाहन में रखा गया। इसके बाद प्राइवेट वाहन के द्वारा उसे गांव तक पहुंचाने के लिए उसी रास्ते से गुजरना पड़ा, जहां लैंडस्लाइड का मलबा पड़ा हुआ था। जब गाड़ी वाले ने आगे चलने से मना कर दिया तो दो बलियों के सहारे चादर की झोली बनाकर शव को रख के गांव पहुंचाया गया। तब कही जाकर महिला का दाह संस्कार हो पाया। वही जिले के जिम्मेदार अधिकारी आंख बंद कर सोए हुए हैं।
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