स्वामीनाथन रिपोर्ट पर संसद में क्या बोले शिवराज ? PM मोदी को बताया सबसे बड़ा किसान हितैषी

Union Minister Shivraj On Agriculture: भोपाल। केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संसद में प्रश्नकाल के दौरान कृषि और किसान पर चर्चा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सबसे बड़ा किसान हितैषी बताया। शिवराज ने कहा कि पीएम मोदी से...
स्वामीनाथन रिपोर्ट पर संसद में क्या बोले शिवराज   pm मोदी को बताया सबसे बड़ा किसान हितैषी

Union Minister Shivraj On Agriculture: भोपाल। केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संसद में प्रश्नकाल के दौरान कृषि और किसान पर चर्चा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सबसे बड़ा किसान हितैषी बताया। शिवराज ने कहा कि पीएम मोदी से बड़ा किसान हितैषी कोई नहीं है। मोदी सरकार ने फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाया, खरीदी के रिकॉर्ड बनाए। जबकि कांग्रेस सिर्फ किसानों के नाम पर राजनीति करती है। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वामीनाथ रिपोर्ट को लेकर भी बयान दिया।

किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए 6 सूत्री रणनीति

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संसद में कृषि पर चर्चा के दौरान कहा कि PM मोदी के नेतृत्व में खेती को लाभ का धंधा बनाने और किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान उसकी आत्मा। मोदी सरकार ने कई फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाकर किसानों को राहत पहुंचाई है। आगे भी किसान हित के कई फैसले देखने को मिलेंगे।  किसानों को फसल का उचित दाम दिलाने के लिए सरकार 6 सूत्रीय रणनीति पर काम कर रही है।

मोदी सरकार ने बढ़ाया फसलों का समर्थन मूल्य

केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि UPA की सरकार में साल 2013-14 तक बाजरे का समर्थन मूल्य 1250 था। जिसे मोदी सरकार ने 2625 रूपए किया। मक्का का समर्थन मूल्य 1100 रूपए से बढ़ाकर 1850 रूपए किया। रागी की MSP 1310 रूपए से 2225 रूपए  की।गेहूं का समर्थन मूल्य 1500 रूपए से बढ़ाकर 2275 रूपए किया। तुअर का समर्थन मूल्य 4300 रूपए से बढ़ाकर 7550 रूपए किया।  मोदी सरकार किसान को फसल का उचित दाम देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।

मोदी सरकार ने बनाया फसल खरीदी का रिकॉर्ड

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संसद में कहा कि मोदी सरकार ने फसल खरीदी का भी रिकॉर्ड बनाया है। साल 2004-05 से 2013-14 के बीच 45 करोड़ 90 लाख मीट्रिक टन ही खरीद हुई। जबकि 2014-15 से लेकर 2023-24 के बीच 69 करोड़ 18 लाख मीट्रिक टन खरीदी हुई है। गेहूं की खरीदी 2004-05 से 2013-14 के बीच 21 करोड़ मीट्रिक टन थी, जो अब बढ़कर 35 करोड़ 38 लाख मीट्रिक टन हो गई है।

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि दलहन की खरीद 2004-05 से 2013-14 तक 6 लाख मीट्रिक टन थी, जो अब बढ़कर 1 करोड़ 67 लाख मीट्रिक टन हो गई है। तिलहन की खरीद 50 लाख मीट्रिक टन थी, जो 87 लाख मीट्रिक टन हो गई है। कांग्रेस सरकार में धान की खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य से लाभान्वित किसान महज 78 लाख थे, जो अब बढ़कर 1 करोड़ 3 लाख 83 हजार 248 हो गए हैं। गेहूं की खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य से लाभान्वित होने वाले किसान भी 20 लाख थे। जो अब बढ़कर 22 लाख 69 हजार 264 हो गए हैं।

UPA ने नहीं मानी स्वामीनाथन रिपोर्ट- शिवराज

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान कृषि पर चर्चा के दौरान विपक्ष पर भी हमलावर नजर आए। उन्होंने स्वामीनाथन रिपोर्ट को लेकर कहा कि स्वामी नाथन कमेटी ने लागत पर 50 फीसदी मुनाफा देकर समर्थन मूल्य घोषित करने की सिफारिश की थी। मगर तत्कालीन UPA सरकार ने स्वामीनाथन रिपोर्ट स्वीकार नहीं की।

संसद में दिखाया 2007 का कैबिनेट नोट

केंद्रीय मंत्री शिवराज चौहान ने कहा कि UPA सरकार ने सिफारिश को नामंजूर करते हुए कहा था कि लागत पर कम से कम 50% की वृद्धि निर्धारित करना बाजार को विकृत कर सकता है। इस संदर्भ में कृषि मंत्री ने 28 जुलाई 2007 के कैबिनेट बैठक का नोट भी पटल पर रखा। कांग्रेस सिर्फ किसानों के नाम पर राजनीति करना चाहती है और देश को अराजकता में झोंकना चाहती है।(Union Minister Shivraj On Agriculture)

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