Union Carbide Bhopal: यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से मिल रही है हजारों टन शुद्ध ऑक्सीजन, ऐसे हुआ यह कारनामा
Union Carbide Bhopal: भोपाल। एक तरह जहां पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के जहरीला कचरे को जलाने का विरोध करते हुए लोग सड़कों पर हैं तो वहीं दूसरी तरफ भोपाल का यूनियन कार्बाइड का एकड़ों में फैला परिसर अब शुद्ध ऑक्सीजन दे रहा है। यह सुनने में अजीब लग सकता है परंतु यही सही है। दरअसल भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड कारखाने का एक दूसरा पहलू सामने आया है। जर्जर फैक्ट्री और कबाड़ के बीच करीब ढाई हजार पेड़ उस परिसर में अभी उगे हुए हैं जहां मिथाइल आईसोसाइनेट यानी मिक गैस का रिसाव हुआ था।
फैक्ट्री परिसर में उगे हजारों पेड़, दे रहे हैं शुद्ध ऑक्सीजन
विशेषज्ञों के मुताबिक यहां पर सैकड़ों की संख्या में पेड़ उग आए हैं, जिनसे हर वर्ष 290 टन ऑक्सीजन मिल रही है। वर्ष 1984 में यहां पर एमआइसी गैस का रिसाव हुआ था। गैस के प्रभाव से जो हरियाली थी, उसे नुकसान पहुंचा, लेकिन चालीस साल से पांच एकड़ का परिसर बंद होने से यहां कई पेड़ उग आए जो अब हरियाली फैला रहे हैं। दो दशकों से पर्यावरण के लिए काम करने वाले आकाश सिंह कहना है कि यूका (Union Carbide Bhopal) में पेड़ उग रहे हैं, इसके मायने हैं कि जमीन में अभी उर्वरकता है। यदि इसे संवारा जाए तो यहां और भी अधिक सुधार हो सकता है।
कुल 85 एकड़ भूमि में था फैक्ट्री का परिसर
फैक्ट्री के पास कुल 85 एकड़ जमीन थी लेकिन वर्तमान में अधिकांश पर कब्जे हो गए हैं। यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के साथ आसपास का कुल एरिया करीब 85 एकड़ है, इसमें तालाब, बस्ती, रेलवे लाइन हैं। परिसर के कुछ हिस्से पर कब्जा हो चुका है।
295 टन ऑक्सीजन का ये है गणित
एक वयस्क पेड़ हर साल लगभग 260 पाउंड यानी 118 किलो ऑक्सीजन उत्पन्न करता है। इस हिसाब से 2500 वयस्क पेड़ों से 295,000 किलोग्राम ऑक्सीजन मिलेगी, यानी लगभग 295 टन। यह इतनी ज्यादा है कि करीब 32,000 लोगों के लिए एक वर्ष में आवश्यक ऑक्सीजन प्रदान कर सकते हैं। प्रदूषण शहरी क्षेत्रों में एक बड़ी समस्या है। पेड़ वायु प्रदूषण को कम करने के लिए वायु में मौजूद हानिकारक गैसों को अवशोषित करते हैं और ऑक्सीजन को छोड़ते हैं।
यूनियन कार्बाइड का गेट एक हफ्ते की चहल पहल के बाद फिर बंद हो गया। शुक्रवार को यहां सन्नाटा रहा। वहीं गैस राहत विभाग का कहना है कि यूनियन कार्बाइड परिसर (Union Carbide Bhopal) की खाली जमीन का क्या उपयोग होगा, इसके संबंध में विभाग ने अभी कोई फैसला नहीं लिया है। यह निर्णय उच्च स्तर पर होगा।
विश्वास सारंग ने इसे स्मारक बनाने की पहल की थी
विश्वास सारंग शिवराज सरकार में गैस राहत मंत्री थे। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने जहरीले कचरे के निष्पादन के लिए पहल की थी। उन्होंने यूनियन कार्बाइड परिसर (Union Carbide Bhopal News) का जायजा भी लिया था और ऐलान किया था कि यहां पर गैस पीड़ितों की याद में स्मारक बनेगा। लेकिन उस वक्त कचरे का निपटारा नहीं हुआ था जिसके चलते मामला ठंडे बस्ते में चला गया था।
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