Usha Thakur Indore: वक्फ बोर्ड को लेकर ऊषा ठाकुर का विवादास्पद बयान, देशभक्तों से की यह अपील
Usha Thakur Indore: इंदौर। इन दिनों पूरे देश में वक्फ बोर्ड को लेकर आने वाले नए कानून की चर्चा चल रही है। इसके पक्ष और विपक्ष दोनों में ही लोग अपनी-अपनी राय दे रहे हैं। अब इसी क्रम में भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री ऊषा ठाकुर ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि देशभक्तों को इस मुद्दे पर डटकर खड़े होना चाहिए। उन्होंने अपने बयान में वक्फ बोर्ड को आधे हिंदुस्तान का मालिक भी बता दिया। उल्लेखनीय है कि ऊषा ठाकुर (Usha Thakur Indore) पहले भी कई बार धाार्मिक आधारों पर विवादास्पद बयान दे चुकी हैं।
वक्फ बोर्ड के लिए कहा, न कोई अपील है और न ही कोई दलील
इंदौर जिले के महू विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक ऊषा ठाकुर ने वक्फ बोर्ड पर कई गंभीर आरोप भी लगाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में आधे हिंदुस्तान पर वक्फ बोर्ड का कब्जा है। यह एक ऐसा कानून है जहां न कोई अपील होती है और न ही कोई दलील। अब सभी देशभक्तों को इस मुद्दे पर डटकर दृढ़ता के साथ खड़े होना चाहिए। उन्होंने भारत को संविधान से चलने वाला देश बताते हुए वक्फ बोर्ड को अवैध कब्जा करने वाला बताया।
वक्फ बोर्ड बिना कानूनी प्रक्रिया के हथिया लेता है जमीन
भाजपा विधायक ने कहा कि वक्फ बोर्ड बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के ही किसी भी जमीन पर दावा कर अपनी संपत्ति घोषित कर देता है। कई मामलों में तो बिना प्रमाण और दस्तावेजों के ही जमीनों पर बोर्ड ने अपना दावा कर दिया है। ठाकुर ने संविधान का हवाला देते हुए कहा कि प्रमाणित दस्तावेज होने पर भी संपत्तियों का अधिकार मिलना चाहिए और यह कानून देश के हर नागरिक और संस्था के लिए अनिवार्य होना चाहिए। किसी भी अकारण या बिना दस्तावेज वाले दावे को निरस्त किया जाना चाहिए।
वक्फ बोर्ड पर क्यों हो रही है इतनी चर्चा
दरअसल 1990 के दशक में पीवी नरसिंहाराव की अगुवाई वाली देश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने एक बिल पास किया था। इस बिल के अनुसार वक्फ बोर्ड को असीमित अधिकार देते हुए किसी भी जमीन पर अपना कब्जा करने का हक दिया गया था। उस बिल के अनुसार वक्फ बोर्ड किसी भी जमीन या संपत्ति पर अपना हक जता सकता है। इसके लिए उसे किसी दस्तावेज या सबूत की भी आवश्यकता नहीं है। वक्फ बोर्ड के इस फैसले के खिलाफ अपील भी केवल वक्फ बोर्ड में ही की जा सकती है।
हाल ही ऐसी कई घटनाएं सामने आई जिनमें लोगों ने दावे किए कि वक्फ बोर्ड ने न केवल उनकी निजी वरन सार्वजनिक संपत्तियों पर भी अपना हक जमा लिया है। कर्नाटक में वक्फ बोर्ड ने पूरे के पूरे गांव को ही अपनी संपत्ति घोषित कर दिया। इस गांव में कोई मुस्लिम परिवार नहीं रहता और न ही वहां कोई मस्जिद थी वरन वहां एक सैंकड़ों वर्ष पुराना मंदिर है। ऐसे में लोगों में वक्फ बोर्ड के खिलाफ असंतोष बढ़ रहा है। इसी खामी को दूर करने के लिए सरकार ने वक्फ बोर्ड बिल में कुछ परिवर्तन सुझाए हैं।
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