Vidisha Kisan News: किसान परेशान... कहीं खाद के लिए लगी लंबी लाइन तो कहीं धान बेचने को लेकर भटक रहे अन्नदाता

मध्य प्रदेश में किसानों की समस्याएं खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। प्राकृतिक आपदाओं के बाद अब किसानों को बाजार की मार झेलनी पड़ रही है।
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Vidisha Kisan News: विदिशा। मध्य प्रदेश में किसानों की समस्याएं खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। प्राकृतिक आपदाओं के बाद अब किसानों को बाजार की मार झेलनी पड़ रही है। इस बार संकट फसल के सही दाम न मिलने का है। किसानों का कहना है कि धान की खेती में जितनी लागत लगी है, उतना पैसा भी वापस नहीं मिल रहा है। ऐसे में किसानों के सामने पैसे की बड़ी समस्या हो गई है।

मंडी में अव्यवस्था से किसान हुए परेशान

विदिशा की किसान मंडी में अपनी फसल बेचने पहुंचे किसान मंडी में फैल रही अव्यवस्था से काफी परेशान नजर आए। लगातार दो से तीन दिन तक इंतजार करने के बाद उनका नंबर आता है, उसमें भी उन्हें अपनी फसल का उचित मूल्य नहीं मिलता है। इस पूरे मुद्दे पर व्यापारियों का कहना है कि वे सरकारी रेट पर ही खरीद कर रहे हैं। यह बात अलग है कि सरकारी रेट बहुत कम है।

तीन दिन इंतजार के बाद भी फसल नहीं बिकी, पैसा भी कम मिला

किसान मंडी (Vidisha Kisan News) में धान बेचने आए एक किसान पप्पू ठाकुर जो घाट पिपरिया से आए है, ने बताया कि वे पिछले तीन दिनों से अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उनका नंबर नहीं आया है। उस पर भी फसल का पैसा कम मिलने से किसानों की लागत भी नहीं निकल पा रही है। मंडी में आए एक अन्य किसान ने कहा कि धान की विभिन्न किस्मों के लिए सरकार को उचित मूल्य तय करना चाहिए। धान की वेरायटी के अनुसार उसे सरकारी रेट मिलनी चाहिए।

व्यापारियों ने बताई अलग ही बात

मंडी में किसानों की फसल खरीदने आए व्यापारियों ने अपना पक्ष रखते हुए कहगा कि यहां पर धान 2500 से 2900 रुपये तक बिक रहा है और सरकारी रेट पर ही खरीदी हो रही है। एक अन्य व्यापारी कुलदीप गुप्ता बताते हैं कि इस बार मंडी में धान की आवक बंपर रही है। पिछले साल सरकार ने धान एक्सपोर्ट किया था, जिससे किसानों को बेहतर दाम मिले थे, लेकिन इस बार कीमतों में गिरावट (Vidisha Kisan News) आई है। इस तरह इस बार कुल मिलाकर किसान और व्यापारी दोनों ही अपनी-अपनी समस्याओं से जूझ रहे हैं।

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भिंड में खाद संकट को लेकर किसानों ने लगाया जाम

देश का अन्नदाता कहे जाने वाला किसान भिंड जिले में डीएपी खाद को लेकर दिन रात परेशान हो रहा है। पहले सरसों की फसल को लेकर कई दिनों तक खाद का इंतजार किया और खाद न मिलने के कारण सरसों की बाउनी देरी से हो पाई थी। इस वजह से कई किसानों ने सरसों की फसल भी नहीं उगाई, जिस कारण गेहूं का रकबा भी बढ़ गया। अब गेहूं की फसल बाउनी को लेकर किसान पिछले एक सप्ताह से लगातार परेशान चल रहे हैं।

किसानों का आरोप है कि उन्हें सप्ताह में एक बार टोकन दिया जा रहा है जबकि किसानों को मिलने वाला डीएपी खाद ब्लैक में 1700 रूपए का बेचा जा रहा है। इतना ही नहीं, किसान डीएपी खाद लेने के लिए दूर-दराज अंचल से आता है और रात भर भिंड में डेरा डालने के बाद भी उसे खाद नहीं मिल पा रही है। महिलाएं भी लाइनों में लगी देखी जा रही है जिसको लेकर किसानों ने आज कलेक्ट्रेट चौराहे पर जाम लगा दिया। कई किसान सड़कों पर लेट गए, किसानों को खाद दो, खाद दो के नारे भी लगाए गए।

जाम की सूचना पर मौके पर पहुंचे एसडीएम एवं पुलिस फोर्स

कलेक्ट्रेट चौराहे पर जाम लगने की सूचना मिलते ही देहात थाना प्रभारी मुकेश शाक्य भी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। उनके साथ ही एसडीएम भिंड भी धरनास्थल पर पहुंचे और किसानों से चर्चा की। उनसे बात करते हुए किसानों ने बड़े आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें 7 दिन में एक बार टोकन दिया जा रहा है, उस पर भी तारीख नहीं डाली गई है। आज खाद मिलने के लिए बोला था, मगर आज भी खाद नहीं मिल रहा है। कई किसान काफी दूरी से आते हैं और निराश होकर उन्हें लौटना भी पड़ रहा है। इस पर भिंड एसडीएम ने कृषि अधिकारी से फोन पर बात की और जल्द ही डीएपी खाद की समस्या (Vidisha Kisan News) का समाधान कराने का किसानों को भरोसा दिलाया और जाम खुलवाया।

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