Vijaypur By Election: विजयपुर उपचुनाव में बीजेपी-कांग्रेस का मंथन जारी, कांग्रेस के सामने है यह बड़ी चुनौती!

Vijaypur By Election: ग्वालियर। मध्य प्रदेश की विजयपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर बीजेपी और कांग्रेस ने रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। विजयपुर विधानसभा हमेशा से कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है। यहां पर कांग्रेस सात...
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Vijaypur By Election: ग्वालियर। मध्य प्रदेश की विजयपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर बीजेपी और कांग्रेस ने रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। विजयपुर विधानसभा हमेशा से कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है। यहां पर कांग्रेस सात बार चुनाव जीती है, तो वहीं भाजपा सिर्फ तीन बार ही चुनाव जीत पाई है। अबकी बार उपचुनाव में बीजेपी से उम्मीदवार मंत्री रामनिवास रावत है, जिन्होंने कांग्रेस के टिकट पर यहां से 6 बार जीत दर्ज की है।

इसलिए यहां पहली बार ऐसा देखने को मिल रहा है कि कांग्रेस अपने उम्मीदवार की तलाश में जुटी है। इस विधानसभा पर उपचुनाव के लिए 13 नवंबर को वोटिंग होनी है। तो वहीं नतीजे 23 नवंबर को घोषित होंगे। बीजेपी की तरफ से उम्मीदवार के रूप में कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए वनमंत्री रामनिवास रावत का नाम से हो गया है। अब कांग्रेस भी अपने उम्मीदवार के लिए यहां मंथन चिंतन और मनन करने में जुटी हुई है।

कांग्रेस लगा सकती है इस पर दांव

बताया जा रहा है कि मंत्री रावत (Vijaypur By Election) के सामने कांग्रेस आदिवासी उम्मीदवार पर दांव लगा सकती है। ऐसे में मुकेश मल्होत्रा का नाम सबसे आगे है। मल्होत्रा सहरिया आदवासी नेता के रूप में एक बड़ा चेहरा हैं, क्योंकि इस विधानसभा में इस समुदाय के वोटर्स 60 हजार से अधिक हैं। वे निर्णायक भूमिका में माने जाते हैं। आपको बता दें कि कांग्रेस विजयपुर सीट पर भाजपा के पूर्व विधायक सीताराम आदिवासी पर दांव लगाना चाहती थी।

सीताराम ने ही वर्ष 2018 में भाजपा के टिकट पर रामनिवास रावत को हराया था। हालांकि, भाजपा ने वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में सीताराम आदिवासी का टिकट काटकर बाबूलाल मेवाड़ा को टिकट दिया था। सीताराम ने समय-समय पर अपनी नाराजगी भी जताई। यही वजह है कि उन्हें हाल ही में भाजपा ने सहरिया विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष बनाकर राज्यमंत्री का दर्जा दे दिया। अब कांग्रेस किसी दूसरे आदिवासी प्रत्याशी के तौर पर मुकेश मल्होत्रा के नाम पर भी विचार कर रही है।

कांग्रेस के सामने चुनौती

कांग्रेस के लिए अब सबसे बड़ी चुनौती यह है कि मंत्री रामनिवास के सामने एक मजबूत उम्मीदवार खड़ा किया जाए। साथ ही इसको लेकर कांग्रेस ने विजयपुर सीट के लिए AICC के सचिव और मध्य प्रदेश सह प्रभारी चंदन यादव, राज्यसभा सांसद अशोक सिंह, पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह, पूर्व मंत्री लाखन सिंह यादव की समिति बनाई है।

कांग्रेस नेताओं की समिति स्थानीय जिला अध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष, मंडल, सेक्टर, बूथ के कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ बैठक कर मजबूत प्रत्याशी के नामों को लेकर चर्चा करने में जुटे हुए है। वहीं, उपचुनाव से पहले मोहन सरकार विजयपुर विधानसभा में करोड़ों रुपए की सौगातों का भूमि पूजन और शिलान्यास करने में जुटी है। यही वजह है कि रामनिवास रावत के मंत्री बनने के बाद और विजयपुर उप-चुनाव के पहले सरकार ने रावत के क्षेत्र में दो सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी दी।

कांग्रेस का अभेद किला है यह सीट

जल संसाधन विभाग ने विजयपुर विधानसभा में 82.92 करोड़ की लागत से 1770 हेक्टेयर रकबे में सिंचाई वाली डोकरका परियोजना और 88.71 करोड रूपए की लागत से 1,980 हेक्टेयर सिंचाई क्षमता वाली लोढ़ी परियोजना को मंजूरी दी। अबकी बार विजयपुर विधानसभा का उपचुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है क्योंकि यह विधानसभा हमेशा से कांग्रेस का अभेद किला के रूप में जानी जाती थी। अबकी बार हमेशा से कांग्रेस की लाज बचाने वाले मंत्री रामनिवास रावत बीजेपी के टिकट पर मैदान में उतर रहे हैं। अब देखना होगा कि कांग्रेस अबकी बार रावत के सामने किसको मैदान में उतरती है।

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