Kerala Landslides: केरल भूस्खलन हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर हुई 158, राहत कार्य जारी

Kerala Landslides: केरल के वायनाड में मंगलवार को हुए भूस्खलन (Kerala landslide) के चलते हुई जान-माल की भारी तबाही देखने को मिली है। इस हादसे में अब तक मरने वालों की संख्या 158 तक पहुंच गई है। केरल के मुख्यमंत्री...
kerala landslides  केरल भूस्खलन हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर हुई 158  राहत कार्य जारी

Kerala Landslides: केरल के वायनाड में मंगलवार को हुए भूस्खलन (Kerala landslide) के चलते हुई जान-माल की भारी तबाही देखने को मिली है। इस हादसे में अब तक मरने वालों की संख्या 158 तक पहुंच गई है। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन (Pinarayi Vijayan) ने बुधवार को वायनाड जिले में बचाव कार्यों की समीक्षा के लिए बैठक की। केरल राजस्व विभाग ने बुधवार को बताया कि लगातार बारिश के बाद वायनाड जिले के मेप्पाडी के पहाड़ी इलाकों में हुए भूस्खलन में मरने वालों की संख्या 158 हो गई है। आइए इस खबर के बार में और अधिक जानते हैं।

सीएम विजयन कल पहुंचेंगे वायनाड 

मुख्यमंत्री विजयन ने बचाव प्रयासों का जायजा लेने के लिए तिरुवनंतपुरम में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के कार्यालय में बैठक की। कैबिनेट बैठक के दौरान लिए गए निर्णय के अनुसार, मुख्यमंत्री 1 अगस्त की सुबह वायनाड पहुंचेंगे और गुरुवार को होने वाली राज्य स्तरीय सर्वदलीय बैठक में भाग लेंगे। केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन ने बुधवार सुबह स्थिति का जायजा लेने के लिए प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और राहत शिविरों में बचे लोगों से मुलाकात की। वर्तमान में नौ राज्य मंत्रियों का एक प्रतिनिधिमंडल राहत शिविरों का आकलन करने के लिए वायनाड में है।

संयुक्त रूप से चलाए जा रहे राहत अभियान 

केरल के मुख्य सचिव वी वेणु ने बताया, "आज मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई है। सरकार पूरी स्थिति पर नजर रख रही है। भारतीय सेना, डीएससी केंद्र, प्रादेशिक सेना, एनडीआरएफ, भारतीय नौसेना और भारतीय वायुसेना के कुल 1,200 बचावकर्मी आपदा प्रभावित क्षेत्रों में तैनात हैं। सभी टीमें राहत कार्यों को पूरी गंभीरता के साथ पूरा करने में जुटी है। बचावकर्मियों की एक बड़ी टुकड़ी जीवित बचे लोगों और शवों की तलाश के लिए मुंडक्कई और ऊपरी क्षेत्रों में घूम रही है। नीचे की ओर पाए गए शवों की पहचान करना मुश्किल हो रहा है क्योंकि वे क्षत-विक्षत हो चुके हैं।"

बचाव दलों के सामने ये चुनौती

मुख्य सचिव ने कहा, "बचाव दलों ने जो सबसे बड़ी चुनौती बताई है, वह यह है कि मुंडक्कई का गांव भूस्खलन के कारण गिरे विशाल पत्थरों और पेड़ों के कारण समतल हो गया है। उनके सामने जो समस्या है, वह ढह चुके घरों को काटना है और इसके लिए उन्हें भारी उपकरणों की आवश्यकता है। फिलहाल हम नदी के उस पार भारी उपकरण ले जाने की स्थिति में नहीं हैं। हमें उम्मीद है कि भारतीय सेना द्वारा बनाया जा रहा बेली ब्रिज कल तक पूरा हो जाएगा। संभावना है कि शव मिट्टी के नीचे दबे हों। कल, हम मुंडक्कई में पाए गए सभी घायलों को निकालने में कामयाब रहे। इस समय, हम सभी सरकारी एजेंसियों द्वारा दी गई सहायता से खुश हैं।"

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