Waqf (Amendment) Bill 2024 राज्यसभा में हुआ पेश, जानिए क्या है विवाद और क्यों विपक्ष कर रहा है विरोध

Waqf (Amendment) Bill, 2024 का मुख्य उद्देश्य वक्फ बोर्डों के संचालन में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है। बिल का एक महत्वपूर्ण प्रावधान महिलाओं को वक्फ बोर्डों में अनिवार्य रूप से शामिल करने का है।
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Waqf (Amendment) Bill 2024: राज्यसभा में गुरुवार को Waqf (Amendment) Bill 2024 पर जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) की रिपोर्ट पेश की गई। इसके बाद, विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने रिपोर्ट में असहमतिपूर्ण टिप्पणियों को हटा दिया है। उन्होंने इसे अलोकतांत्रिक और निंदनीय करार देते हुए, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से रिपोर्ट को अस्वीकार करने और पुनः विचार के लिए भेजने की अपील की।

आपको बता दें कि जेपीसी ने अपनी रिपोर्ट 30 जनवरी को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंप दी थी। भाजपा सांसदों ने इस बिल का समर्थन करते हुए कहा कि यह वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही लाएगा, जबकि विपक्ष ने इसे मुस्लिम समुदाय के संवैधानिक अधिकारों पर हमला और वक्फ बोर्ड के कार्यों में हस्तक्षेप बताया।

क्या है Waqf (Amendment) Bill 2024 का उद्देश्य और प्रावधान

Waqf (Amendment) Bill, 2024 बिल के तहत वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन किया जाना प्रस्तावित है। इसका मुख्य उद्देश्य वक्फ बोर्डों के संचालन में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है। बिल का एक महत्वपूर्ण प्रावधान महिलाओं को वक्फ बोर्डों में अनिवार्य रूप से शामिल करने का है। इसे पहले लोकसभा में अगस्त 2023 में पेश किया गया था और इसके बाद जॉइंट कमेटी को जांच के लिए भेजा गया था, जिसमें NDA के सहयोगी दलों TDP और JD(U) का समर्थन था।

वक्फ संपत्तियां: स्वामित्व, उद्देश्य और शासन

वक्फ शब्द अरबी से लिया गया है, जिसका अर्थ है एक स्थायी दान — ऐसी संपत्ति जो मुस्लिमों द्वारा धार्मिक, समाजिक या व्यक्तिगत उद्देश्यों के लिए दान की जाती है। वक्फ संपत्ति को एक बार वक्फ घोषित करने के बाद, यह अल्लाह की संपत्ति मानी जाती है और इसका स्वामित्व या बिक्री नहीं हो सकती।

भारत में, वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन वक्फ अधिनियम 1995 के तहत किया जाता है। इस कानून के तहत एक सर्वे कमिश्नर नियुक्त किया जाता है जो वक्फ संपत्तियों की पहचान, जांच और दस्तावेजीकरण करता है। इस प्रक्रिया में सार्वजनिक अभिलेखों तक पहुंच प्राप्त करने और गवाहों को बुलाने का अधिकार भी होता है, ताकि वक्फ संपत्तियों का सही तरीके से लिस्टिंग और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

वक्फ संपत्तियों को मैनेज करने के मामलों में सबसे बड़ी चुनौती अतिक्रमण है। इसे रोकने के लिए कड़े दंड का प्रावधान है, जिसमें वक्फ भूमि पर अवैध कब्जा करने वालों को सजा और जुर्माने का प्रावधान है। 2013 में किए गए संशोधनों ने इन सुरक्षा उपायों को और मजबूत किया था, जिसमें वक्फ संपत्तियों की बिक्री, विनिमय या हस्तांतरण पर सख्त रोक लगाई गई।

Waqf (Amendment) Bill 2024 में प्रस्तावित बदलाव

सरकार ने वक्फ अधिनियम में कई महत्वपूर्ण संशोधन पेश किए हैं, जिनका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को आधुनिक और व्यवस्थित बनाना है। इन प्रस्तावित बदलावों में एक प्रमुख प्रस्ताव यह है कि इस कानून का नाम बदलकर 'Unified Waqf Management, Empowerment, Efficiency and Development Act, 1995' रखा जाएगा। आइए जानते हैं इन बदलावों के प्रमुख बिंदु:

  • केवल वे लोग जो कानूनी रूप से संपत्ति के मालिक हैं, ही वक्फ बना सकेंगे, जिससे संपत्ति के स्वामित्व को लेकर विवादों की संभावना कम होगी।
  • वक्फ घोषित की गई सरकारी संपत्तियां, चाहे वह कानून के लागू होने से पहले की हों या बाद की, को वक्फ के रूप में घोषित नहीं किया जा सकेगा।
  • वक्फ और सरकारी संपत्तियों के बीच भूमि विवादों को हल करने की जिम्मेदारी वक्फ ट्रिब्यूनल से जिला कलेक्टरों को दी जाएगी।

‘Waqf by Use’ का अंत

नए बिल के तहत होने वाले बड़े बदलावों में से एक यह है कि ‘Waqf by Use’ की अवधारणा को समाप्त कर दिया गया है। इसके तहत जो संपत्तियां धार्मिक उपयोग के लिए लगातार प्रयोग की जाती थीं, जैसे मस्जिदें और कब्रिस्तान, बिना आधिकारिक दस्तावेज के भी वक्फ के रूप में मान्य हो जाती थीं। अब इसके लिए एक आधिकारिक वक्फ deed (वक्फनामा) की आवश्यकता होगी, जिससे ऐतिहासिक स्थल प्रभावित हो सकते हैं जिनके पास आधिकारिक दस्तावेज नहीं हैं।

क्या है विपक्ष का आरोप और सरकार का पक्ष

बिल के विरोध में विपक्षी आलोचक Waqf (Amendment) Bill 2024 को वक्फ संस्थाओं की स्वायत्तता को कमजोर करने वाला और मुस्लिम समुदाय को हाशिये पर डालने वाला मानते हैं। उनका कहना है कि यह बिल वक्फ संपत्तियों के धार्मिक और सामाजिक उद्देश्य को खोखला कर सकता है, और इस तरह सरकार वक्फ के प्रबंधन को केंद्रीयकृत करके मुस्लिम समुदाय के मामलों में दखल दे रही है।

वहीं दूसरी ओर नए वक्फ बिल के समर्थक इसे वक्फ संपत्तियों के अधिक प्रभावी प्रबंधन और अतिक्रमण पर काबू पाने का उपाय मानते हैं। उनका मानना है कि यह विधेयक वक्फ संस्थाओं में पारदर्शिता लाकर प्रशासन में सुधार करेगा।

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