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NEET-UG Case Hearing: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, नहीं टलेगी नीट काउंसलिंग, सोमवार को होगी अगली सुनवाई

NEET-UG Case Hearing: नीट-यूजी (NEET-UG) पेपर में धांधली को लेकर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई होगी। इस मामले में पिछली सुनवाई 8 जुलाई को हुई थी। तब कोर्ट ने काफी कड़े शब्दों में केंद्र सरकार (Central Government)...
11:09 AM Jul 18, 2024 IST | Manoj Kumar Sharma

NEET-UG Case Hearing: नीट-यूजी (NEET-UG) पेपर में धांधली को लेकर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई होगी। इस मामले में पिछली सुनवाई 8 जुलाई को हुई थी। तब कोर्ट ने काफी कड़े शब्दों में केंद्र सरकार (Central Government) और नेशनल परीक्षण एजेंसी (National Testing Agency) से तीखे सवाल किए थे। देश की शीर्ष अदालत इस मामले में 40 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है। आइए इस खबर के बारे में और अधिक जानते हैं।

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, नहीं टलेगी नीट काउंसलिंग

कोर्ट में दिनभर चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने इस मामले में अहम निर्णय सुनाया। कोर्ट ने नीट की काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई सोमवार तक के लिए टाल दी। इसके अलावा कोर्ट ने नीट यूजी 2024 के सभी छात्रों का रिजल्ट ऑनलाइन जारी करने के आदेश भी दे दिए।

एनटीए ने पेपर लीक से किया इनकार

कोर्ट ने एनटीए से पूछा की नीट का पेर कब लीक हुआ। इसके जवाब में एनटीए ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है। इस पर कोर्ट ने फिर प्रश्न पूछा कि ठीक है ये बताइये उल्लंघन कब हुआ? एनटीए ने जवाब दिया कि एक विशेष केंद्र पर सुबह 8 से 9.30 के बीच एक व्यक्ति अंदर जाता है और पेपर की तस्वीर लेता है और बाहर आता है। यही एक कमी नजर आ रही है।

कितने छात्रों ने बदला अपना परीक्षा केंद्र?

सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए से पूछा कि कितने छात्र ऐसे थे जिन्होंने अपना परीक्षा केंद्र बदला था। इसके जवाब में एनटीए ने कहा कि करेक्शन के नाम कुल 15,000 छात्र ऐसे थे जिन्होंने अपना परीक्षा केंद्र बदला था। एनटीए ने कहा कि छात्र अपना शहर तो बदल सकते हैं, लेकिन उन्हें परीक्षा केंद्र चुनने की आजादी नहीं होती है। परीक्षार्थियों को दो दिन पूर्व ही परीक्षा केंद्र के बारे में पता चलता है।

कितने छात्र चाहते हैं फिर से परीक्षा?

कोर्ट ने एनटीए से पूछा कि आखिर कितने छात्र ऐसे हैं जो फिर से परीक्षा के पक्ष में हैं और कितने ऐसे हैं जो इसके खिलाफ हैं? इसके जवाब में एनटीए ने कहा कि कुल 108 छात्र ऐसे हैं जो फिर से परीक्षा चाहते हैं और 254 छात्र ऐसे हैं जो दोबारा परीक्षा का विरोध कर रहे हैं।

कोर्ट ने फिर से जांच की मांग खारिज की

सुनवाई के दौरान ही एक याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट के समक्ष इस केस की फिर से जांच की मांग रखी। कोर्ट ने इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया। कोर्ट ने अपने जवाब में कहा कि जो जांच चल रही है हम उससे संतुष्ट हैं और केस की फिर से जांच की जरूरत नहीं है।

नीट मामले का जल्द समाधान जरूरी- कोर्ट

इस मामले की सुनवाई शुरू होने के साथ ही कोर्ट ने अहम टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में जल्द समाधान की जरूरत है। देशभर के छात्र उम्मीद की नजर से देख रहे हैं। अन्य मामलों की तुलना में इस मामले को अधिक महत्व दिया जाएगा।

सुनवाई से ठीक पहले एनटीए ने दाखिल किया जवाब 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से ठीक पहले एनटीएन ने अपना लिखित जवाब कोर्ट में दाखिल कर दिया। इस मामले में सवाई देते हुए एनटीए का कहना है कि नीट परीक्षा कोई सिस्टमैटिक फेलियर नहीं था। कुछ लोगों की साजिश के चलते यह एक आपराधिक घटना है। इसे पूरे सिस्टम की विफलता नहीं माना जाना चाहिए। एनटीए इस मामले में 17 संदिग्ध उम्मीदवारों के परिणाम रोक दिए हैं। इन सभी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है।

सीबीआई ने तीन डॉक्टरों को किया गिरफ्तार 

इस मामले की जांच कर रही सीबीआई टीम को गुरुवार को ही एक बड़ी सफलता हाथ लगी। सीबीआई ने इस मामले में बिहार से तीन डॉक्टरों के गिरफ्तार किया। गिरफ्तार तीनों डॉक्टर पटना एम्स में कार्यरत हैं और सभी 2021 बैच के छात्र बताए जा रहे हैं। ये तीनों जिस स्थान पर रह रहे थे उसे सीबीआई ने सील कर दिया है। इसके अलावा तीनों के मोबाइल और लैपटॉप भी जब्त कर लिए गए हैं।

तीन जजों की पीठ कर रही सुनवाई, चीफ जस्टिस भी शामिल 

नीट-यूजी मामले की गंभीरता को देखते हुए तीन जजों की पीठ इसकी सुनवाई कर रही है। इस पीठ की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) कर रहे हैं। उनके अलावा इस पीठ में जस्टिस मनोज मिश्रा (Justice Manoj Mishra) और जस्टिस जेबी पारदीवाला (Justice JB Pardiwala) भी शामिल हैं।

क्या है पूरा मामला? 

आपको बता दें कि 5 मई, 2024 को नीट परीक्षा आयोजित की गई थी। देशभर के 571 शहरों और कुल 4,750 परीक्षा केंद्रों पर यह परीक्षा आयोजित हुई थी। इस परीक्षा में 24 लाख विद्यार्थियों ने भाग लिया था। 11 जून, 2024 को नीट परीक्षा में धांधली का आरोप लगाते हुए एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई।

याचिका में नीट-यूजी 2024 परिणाम को वापस लेने और दोबारा परीक्षा आयोजित कराने की मांग की गई थी। याचिका में यह भी उल्लेख किया गया था कि नीट परीक्षा परिणामों में मनमाने तरीके से ग्रेस मार्क दिए गए। इसी कारण से 67 विद्यार्थियों को पूरे में से अंक (720 में से 720) मिल गए। इससे एक बड़ी धांधली उजागर होती है।

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