Mahakumbh 2025: महाकुंभ में बना महारिकॉर्ड, योगी आदित्यनाथ ने बताए कमाई के आंकड़े
Mahakumbh 2025: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 ने एक बार फिर अपनी भव्यता और श्रद्धालुओं के भक्तिभाव के चलते पूरे विश्व को आश्चर्यचकित कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस बार महाकुंभ में हिस्सा लेने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 50 करोड़ के आंकड़े को पार कर चुकी है, जिससे यह दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक बन गया है। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ के प्रभाव और इसके द्वारा राज्य की अर्थव्यवस्था को होने वाले लाभ के बारे में महत्वपूर्ण बातें साझा कीं।
110 करोड़ की आबादी सनातन धर्मावलंबी है और उसमें से 50 करोड़ लोग आज तक आस्था की डुबकी प्रयागराज में लगा चुके होंगे... pic.twitter.com/KmfuTggtAt
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) February 14, 2025
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, महाकुंभ से राज्य को होगा 3 लाख करोड़ का फायदा
सीएम योगी ने महाकुंभ के आयोजन को लेकर कहा कि इस धार्मिक मेले से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक नया संजीवनी मिल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग महाकुंभ पर सवाल उठाते हैं, लेकिन जब महाकुंभ पर 1500 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं और इसके बदले 3 लाख करोड़ रुपये का लाभ हो रहा है, तो यह एक सकारात्मक बदलाव है।
महाकुम्भ-2025, प्रयागराज के माध्यम से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में ₹3 लाख करोड़ की बढ़ोतरी होने जा रही है... pic.twitter.com/ZJWgdQb2h1
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) February 14, 2025
पूरे विश्व को चौंका दिया है महाकुंभ ने
महाकुंभ (Mahakumbh 2025) के इस अद्वितीय आयोजन में अब तक 50 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु शामिल हो चुके हैं, जो कि भारत और चीन के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी जनसंख्या है। यह आयोजन ब्राजील के रियो कार्निवल और जर्मनी के अक्टूबरफेस्ट जैसे वैश्विक आयोजनों से भी कहीं बड़ा है। महाकुंभ में होने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ और उत्साह को देखना न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक अभूतपूर्व अनुभव है।
महाकुंभ में बना गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड
प्रयागराज महाकुंभ में एक और ऐतिहासिक रिकॉर्ड बना है। गंगा और संगम के तीन प्रमुख घाटों—रामघाट, गंगेश्वर घाट और भारद्वाज घाट पर 300 सफाईकर्मियों ने एक साथ आधे घंटे तक लगातार सफाई करके नया रिकॉर्ड बनाया। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड की जूरी मेंबर, प्रवीण पटेल की देखरेख में यह रिकॉर्ड स्थापित हुआ है, और अब तक दुनिया में ऐसा कोई उदाहरण नहीं था। यह आयोजन महाकुंभ की सफाई व्यवस्था और संगठन के स्तर को भी दर्शाता है।
महाशिवरात्रि पर होगा अंतिम अमृत स्नान
महाकुंभ का आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, इतिहास और एकता का प्रतीक भी है। इस दौरान लाखों लोग एक साथ आकर गंगा में डुबकी लगाते हैं, जो उन्हें आत्मिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति का अहसास कराता है। फिलहाल, महाकुंभ (Mahakumbh 2025) का आयोजन अभी भी जारी है और आने वाले दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ने की उम्मीद है, खासकर जब अंतिम अमृत स्नान महाशिवरात्रि के दिन होगा।
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