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8th Pay Commission: सरकार ने आठवें वेतन आयोग को दी मंजूरी, केंद्रीय कर्मचारियों की होगी मौज

देश भर में काम कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों को खुशखबरी देते हुए मोदी सरकार ने आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन को मंजूरी दे दी है।
05:12 PM Jan 16, 2025 IST | Sunil Sharma

8th Pay Commission: देश भर में काम कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों को खुशखबरी देते हुए मोदी सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। नया वेतन आयोग बनाए जाने से देश के लगभग एक करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों तथा पेंशनर्स को फायदा होगा। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री, अश्विन वैष्णव ने यह जानकारी मीडिया को दी। उल्लेखनीय है कि आठवें वेतन आयोग के गठन को लेकर कर्मचारी लंबे समय से मांग कर रहे थे जो अब सरकार ने पूरी कर दी है।

अब तक आ चुके हैं सात वेतन आयोग

आपको बता दें कि देश में अब तक सात वेतन आयोग गठित हो चुके हैं। आमतौर पर प्रत्येक दस वर्षों में केंद्रीय कर्मचारियों की तनख्वाह रिवीजन के लिए वेतन आयोग का गठन किया जाता है। देश का पहला वेतन आयोग जनवरी 1946 में गठित हुआ था, और अब तक का आखिरी और पिछला यानी सातवां वेतन आयोग 28 फरवरी 2014 को गठित किया गया था। इसके बाद, 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें 2016 में लागू की गई थीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को मंजूरी देने का उद्देश्य यह है कि आयोग की सिफारिशें समय पर तैयार हो सकें और इन्हें 2026 से लागू किया जा सके। हालांकि, इस फैसले को कैबिनेट से मंजूरी मिलनी बाकी है, लेकिन प्रधानमंत्री की स्वीकृति से कर्मचारियों में उत्साह है।

देश के एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनर्स को होगा फायदा

आठवां वेतन आयोग आने से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को लाभ होगा। देश में वर्तमान में करीब 48.62 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 67.85 लाख पेंशनर हैं। आठवें वेतन आयोग के गठन से इन कर्मचारियों और पेंशनर्स को सैलरी और पेंशन में तो बढ़ोतरी होगी ही, साथ ही कई अन्य आर्थिक फायदे भी मिल सकते हैं। अभी तक मिली सूचना के आधार पर नए वेतन आयोग में महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) को खास तौर पर बढ़ाया जा सकता है।

7वें वेतन आयोग से बदल गई थी कर्मचारियों की जिंदगी

आपको बता दें कि सातवें वेतन आयोग के गठने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स का जीवन पूरी तरह से बदल गया था। इस वेतन आयोग (8th Pay Commission) की सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू की गई थीं, और इससे कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में भारी वृद्धि हुई थी। इसके अलावा, सरकार ने कर्मचारियों के लिए कई नई सुविधाएं और भत्ते भी दिए थे, जिनमें प्रमुख रूप से महंगाई भत्ता शामिल था। इसके अनुसार वर्ष में दो बार महंगाई भत्ता बढ़ाया जाता है जो अब लगभग 55 फीसदी तक हो चुका है। हालांकि इससे सरकार पर 1,14,000 करोड़ रुपए का बोझ पड़ा था जो हर वर्ष बढ़ता जा रहा है।

भारत में वेतन आयोग का इतिहास

वेतन आयोग का गठन खास तौर पर महंगाई के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए किया जाता है ताकि कर्मचारियों और पेंशनर्स को समय-समय पर राहत मिल सके। सरकार हर दस साल में एक नया वेतन आयोग गठित करती है, ताकि कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन को उचित रूप से बढ़ाया जा सके और सरकार पर वित्तीय दबाव भी नियंत्रित रहे। भारत में पहला वेतन आयोग जनवरी 1946 में बना था। इसके बाद हर दशक में एक नया वेतन आयोग गठित किया गया। हर वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन के बाद सरकारी खजाने पर बोझ बढ़ा, लेकिन साथ ही कर्मचारियों को बेहतर सुविधाएं भी मिलीं।

अब, आठवें वेतन आयोग के गठन से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को नई उम्मीदें हैं। यह कदम निश्चित रूप से कर्मचारियों के जीवन स्तर में सुधार लाएगा और उन्हें महंगाई के असर से राहत मिलेगी।

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