Housing Jihad: मुंबई में ‘हाउसिंग जिहाद’, संजय निरुपम ने लगाया हिंदुओं के खिलाफ बड़ी साजिश का आरोप
Housing Jihad: शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय निरुपम ने मुंबई के स्लम पुनर्विकास प्रोजेक्ट्स (एसआरए) में ‘हाउसिंग जिहाद’ जैसे गंभीर मुद्दों को उठाया है। उनका कहना है कि कुछ इलाकों में हिंदू निवासियों को अल्पसंख्यक बनाने की कोशिश की जा रही है, जिससे मुस्लिम आबादी को बढ़ावा मिल सके। निरुपम ने कुर्ला, जोगेश्वरी, अंधेरी और मलाड जैसे क्षेत्रों का नाम लेते हुए आरोप लगाया कि यहां हिंदू बहुल इलाकों में मुस्लिमों को बहुसंख्यक बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए उन्होंने जोगेश्वरी पश्चिम में स्थित श्री शंकर एसआरए प्रोजेक्ट और ओशिवरा पैराडाइज 1 और 2 की तत्काल जांच की मांग की है।
निरुपम ने लगाए गंभीर आरोप
शुक्रवार को बालासाहेब भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में संजय निरुपम ने कहा कि कुछ बिल्डर एसआरए प्रोजेक्ट्स का गलत तरीके से उपयोग कर रहे हैं। इन परियोजनाओं के माध्यम से हिंदू निवासियों को अल्पसंख्यक दिखाकर मुस्लिम आबादी को बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुस्लिम डेवलपर्स, एसआरए अधिकारियों के साथ मिलकर, अवैध तरीके से मुस्लिमों के नाम पर झुग्गियों को पात्र बना रहे हैं। निरुपम का कहना है कि जिन इलाकों में पहले हिंदू बहुसंख्यक थे, अब वहां मुस्लिमों की संख्या बढ़ा दी गई है। उन्होंने जोगेश्वरी पश्चिम में चांदिवाला एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा बनाए गए दो एसआरए प्रोजेक्ट्स की जांच की मांग की है।
श्री शंकर एसआरए प्रोजेक्ट में अनियमितताएं
निरुपम ने आगे बताया कि श्री शंकर एसआरए प्रोजेक्ट में शुरुआत में 67 लोग रहते थे, जिनमें से केवल 7 मुस्लिम (Housing Jihad) थे। लेकिन बाद में डेवलपर ने आसपास की ज़मीन कब्जे में लेकर अंतिम सूची में निवासियों की संख्या 123 कर दी। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि रहीम घासवाला नामक व्यक्ति के नाम पर 17 अवैध आवासीय यूनिट पात्र करवा दी गईं, जबकि एसआरए के नियमों के तहत एक व्यक्ति को केवल एक ही घर मिल सकता है।
चांदिवाला बिल्डर्स के ओशिवरा पैराडाइज प्रोजेक्ट्स में गड़बड़ियां
संजय निरुपम ने आरोप लगाया कि चांदिवाला बिल्डर्स के ओशिवरा पैराडाइज 1 और 2 प्रोजेक्ट्स में भी कई अनियमितताएं पाई गई हैं। इनमें से एक प्रोजेक्ट में पहले से ही मुस्लिम आबादी (Housing Jihad) अधिक थी। लेकिन इस प्रोजेक्ट की अंतिम सूची में एक ही व्यक्ति के नाम पर 19 फ्लैट पात्र करवा दिए गए, जो पूरी तरह से अवैध था। निरुपम का कहना है कि यह सब जानबूझकर किया गया, ताकि केवल मुस्लिम खरीदारों को ही फ्लैट और दुकानें बेची जा सकें।
सरकार से जांच की मांग
निरुपम ने मुंबई में सभी मुस्लिम डेवलपर्स द्वारा संचालित एसआरए प्रोजेक्ट्स की जांच की मांग की है। उनका कहना है कि परिशिष्ट-2 सूची में बड़े पैमाने पर धांधली की जा रही है, ताकि हिंदू निवासियों को अयोग्य ठहराया जा सके और मुस्लिम आबादी को बढ़ाया जा सके। इससे मुंबई की जनसांख्यिकी में भारी बदलाव आ सकता है। उन्होंने इस पूरे मामले को ‘हाउसिंग जिहाद’ (Housing Jihad) करार देते हुए सरकार से इस पर तुरंत कार्रवाई करने की अपील की है।
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