Tirupati Laddu Vivad: तिरुपति लड्डू विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, नई एसआईटी करेगी जांच
Tirupati Laddu Vivad: तिरुपति लड्डू विवाद मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला देते हुए एक एसआईटी गठित करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि तिरुपति मंदिर से देश-विदेश के करोडो़ं लोगों की आस्था जुड़ी हुई है, ऐसे में यदि प्रसाद में चर्बी युक्त पदार्थ मिलने के आरोपों में जरा भी सच्चाई है तो यह अस्वीकार्य है। कोर्ट ने साथ ही कहा है कि राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी इस मामले की जांच नहीं करेगी।
एसआईटी में होंगे ये सदस्य
सुप्रीम कोर्ट ने मामले (Tirupati Laddu Vivad) की सुनवाई करते हुए पांच सदस्यीय कमेटी गठित करने के आदेश दिए हैं। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने कहा कि तिरुपति लड्डू विवाद की जांच अब राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी नहीं करेगी वरन पांच सदस्यीय कमेटी करेगी। इस कमेटी में सीबीआई, पुलिस तथा FSSAI के सदस्य शामिल होंगे। कमेटी में दो अफसर सीबीआई के, राज्य सरकार के दो अफसर तथा FSSAI का एक अफसर शामिल होंगे।
कोर्ट ने बताया करोडों लोगों की आस्था से खिलवाड़
कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि यदि इन तिरुपति मंदिर के प्रसाद में प्रयोग किए गए घी में जानवरों की चर्बी होने के आरोपों में जरा भी सच्चाई है तो यह करोड़ों लोगों की आस्था और विश्वास के साथ खिलवाड़ है। इसलिए इस पूरे विवाद पर सियासत ठीक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अनावश्यक बयानबाजी से भी बचने की बात कही है।
क्या है तिरुपति लड्डू विवाद
देश-विदेश के करोड़ों हिंदुओं की आस्था तिरुपति मंदिर में है। इस मंदिर में भक्तों को लड्डू का विशेष प्रसाद दिया जाता है। कुछ समय पहले आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने यह खुलासा करते हुए सबको हैरान कर दिया था कि लड्डू बनाने के लिए काम लिए जा रहे घी में एनीमल फैट है। इसके लिए उन्होंने एक रिपोर्ट भी सार्वजनिक की थी। बाद में डिप्टी सीएम पवन कल्याण ने भी इस बात को लेकर हिंदू मंदिरों के लिए एक स्वतंत्र बोर्ड बनाने की मांग की थी। इस पूरे मामले को लेकर
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