New Foreign Secretary of India: विक्रम मिसरी ने भारत के नए विदेश सचिव के रूप में संभाला पदभार
New Foreign Secretary of India: विक्रम मिसरी (Vikram Misri) ने सोमवार को भारत के नए विदेश सचिव (Foreign Secretary) के रूप में पदभार संभाल लिया। विदेश मंत्रालय (Foreign Ministry) ने विदेश सचिव मिसरी को उनके कार्यकाल के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। आइए इस खबर के बारे में और अधिक जानते हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर एक पोस्ट के जरिए इस बात की जानकारी दी। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, "विक्रम मिसरी ने आज विदेश सचिव का पदभार संभाला। विदेश मंत्रालय मिसरी का हार्दिक स्वागत करता है और उनके सफल कार्यकाल की कामना करता है।"
इससे पूर्व मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने विदेश मंत्रालय द्वारा विनय मोहन क्वात्रा के स्थान पर अगले विदेश सचिव के रूप में विक्रम मिसरी की नियुक्ति के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई थी।
14 जुलाई को विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने पिछले एक दशक में भारत की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा में उनके गहन योगदान को स्वीकार करते हुए निवर्तमान विदेश सचिव क्वात्रा को विदाई दी। जयशंकर ने अपने कार्यकाल के दौरान महत्वपूर्ण नीतियों को आकार देने और क्रियान्वित करने में उनकी रणनीतिक सूझबूझ के लिए क्वात्रा की प्रशंसा की।
विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में उनके समर्पण और कई योगदानों के लिए निवर्तमान विदेश सचिव विनय क्वात्रा को धन्यवाद। विशेष रूप से पिछले दशक में उन्होंने हमारी कई प्रमुख नीतियों की रणनीति बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने में मदद की है। उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं।"
मिसरी ने तीन प्रधानमंत्रियों के साथ किया काम
59 साल के मिसरी को तीन प्रधानमंत्रियों के साथ काम करने का अनुभव है। उन्होंने 1997 में इंद्र कुमार गुजराल, 2012 में मनमोहन सिंह और 2014 में नरेंद्र मोदी के निजी सचिव के रूप में कार्य किया था। मिसरी का जन्म वर्ष 1964 में श्रीनगर में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा ग्वालियर में प्राप्त की थी। उनके पास दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से इतिहास में स्नातक की डिग्री और एक्सएलआरआई से एमबीए है।
चीन में भारत के राजदूत भी रह चुके हैं मिसरी
मिसरी चीन में भारत के राजदूत भी रह चुके हैं। उन्होंने पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना की कार्रवाइयों के परिणामस्वरूप 2020 की गलवान घाटी झड़पों के बाद भारत और चीन के बीच चर्चा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अपने शुरुआती करियर में मिसरी ने ब्रुसेल्स और ट्यूनिस में भारतीय दूतावासों में काम किया था। वह 2014 में स्पेन में और 2016 में म्यांमार में भारत के राजदूत भी रह चुके हैं। उन्होंने अफ्रीका और उत्तरी अमेरिका में कई भारतीय राजनयिक मिशनों में भी महत्वपूर्ण पद संभाले हैं।
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