Kerala Landslides: केरल के वायनाड में 3 भूस्खलन ने मचाई तबाही, नदियों में बहते दिखे शव
Kerala Landslides: केरल के वायनाड में चार घंटे में आए तीन लैंडस्लाइड ने भयंकर तबाही मचा दी है। यहां पर प्रकृति ने ऐसा तांडव दिखाया कि रास्ते कब नदियों में तब्दील हो गए पता ही नहीं चला। मूसलाधार बारिश ने केरल के कुछ हिस्सों में भयंकर रौद्र रूप देखने को मिला।
यहां हुई बारिश से चूरलमाला गांव का एक बड़ा हिस्सा बह गया। तस्वीरें इतनी खौफनाक हैं कि जिसने भी इसे देखा वह सहम गया। इसे शहर के सबसे भीषण भूस्सखलन में से एक बताया जा रहा है। बचावकर्मियों का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि इस आपदा से कितना असर पड़ेगा। लोगों की लाशें पानी में बहती हुई नजर आईं।
खौफनाक मंजर से हर कोई हैरान:
बता दें कि यह घटना रात 2 बजे से स्टार्ट हुई और फिर इसके बाद सुबह 6 बजे तक इलाके में एक के बाद एक तीन भूस्खलन हुए। भारी भूस्खलन के बाद दुकानों और गाड़ियों सहित चूरलमाला शहर का एक हिस्सा पूरी तरह से तबाह हो गया। एक तरह से पल भर में ही सब मौत की नींद में समा गए।
जिला प्रशासन ने आठ लोगों की मौत की पुष्टि की है। हालांकि, यह संख्या बढ़ सकती है। प्रशासन ने बताया कि इलाके का एक बड़ा हिस्सा विनाश की वजह से अभी उनकी पहुंच से दूर है। वहीं, अट्टमाला में ग्रामीणों को नदी में छह शव मिले जिनके बारे में उनका कहना है कि वे मुंडक्कई से बहकर आए होंगे। लोगों ने बताया कि सिर्फ आठ मीटर नदी अब रौद्र रूप धारण कर चुकी थी।
भूस्खलन में बहे 200 से अधिक घर:
स्थानीय लोगों के मुताबिक, चूरलमाला गांव में 200 से ज्यादा घर भूस्खलन में बह गए। दो गांव को जोड़ने वाला पुल बह गया जिससे रेस्क्यू टीम अभी तक मुंडक्कई तक नहीं पहुंच पाई। अधिकारियों के अनुसार ऊंचे इलाकों में छोटे भूस्खलन हो रहे हैं। इलाकों से संपर्क टूट जाने के कारण अभी तक यह पता नहीं चला कि कितने लोग घरों में फंसे हैं? मंजर इतना खौफनाक है कि कुछ गांव पूरे तरह से अलग-थलग पड़ गए हैं।
वायनाड में मरने वालों की तादात बड़ी:
वायनाड भूस्खलन से मरने वालों की संख्या 63 हो गई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केरल के सीएम पिनाराई विजयन से बात की और घटना के बारे में जानकारी ली। केंद्र सरकार ने हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
सेना ने संभाली कमान:
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पोथुकल्लू पंयायत में चलियार नदी में तीन से अधिक शव मिले। मेप्पडी की ढलानों से निकलने वाली नदियां चालियार की सहायक नदियां हैं। चालियार का जल स्तर खतरे के निशान से काफी अधिक ऊपर है। सेना की टीम ने अलग पड़े गांव में जाने के लिए पुल बनाना स्टार्ट कर दिया है। साथ ही कुछ इलाकों में फंसे लोगों को निकालने में जुटी हुई है।
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