25 जून 1975: भारत का पहला राष्ट्रीय आपातकाल - जानिए पूरी कहानी और कारण

25 जून 1975 को भारत में पहला राष्ट्रीय आपातकाल, इंदिरा गांधी की सरकार ने घोषित किया था। 

राष्ट्रीय आपातकाल उस समय घोषित किया जाता है, जब सरकार को लगता है कि देश को बड़ी सुरक्षा खतरे से बचाने के लिए विशेष कदम उठाने की जरूरत है, जैसे युद्ध या अन्य आपदाओं से।

राष्ट्रीय आपातकाल स्तिथि में सरकार को अपने अधिकार और ज्यादा बढ़ाने का मौका मिलता है

 सरकार को ऐसे निर्णय लेने का अधिकार मिल जाता है जो सामान्य स्थिति में नहीं ले सकते

भारत में, संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत, राष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया जाता है ।  

1971 के चुनाव में इंदिरा गांधी ने अपनी पार्टी को बड़ी जीत दिलाई और खुद भी भारी अंतर से जीतीं थी ।  

इंदिरा गांधी पर चुनाव जीतने के लिए धांधली करने का आरोप था ।  

इंदिरा गाँधी के खिलाफ उनके प्रतिद्वंद्वी राजनारायण ने कोर्ट में याचिका दर्ज की थी।  

कोर्ट ने इंदिरा गांधी के चुनावी नतीजों को निरस्त कर दिया था।  

देश भर में इंदिरा गाँधी के खिलाफ आंदोलन उग्र हो रहा था।  

जनता का गुस्सा इंदिरा गांधी के खिलाफ बढ़ता गया, और आपातकाल की घोषणा हुई ।  

26 जून, 1975 को सुबह के समय इंदिरा गांधी ने राष्ट्र के नाम संदेश में आपातकाल की घोषणा की।

उन्होंने दावा किया कि देश में अराजकता फैल रही है और देश की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।

इसके बाद राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 को लागू करके देश में आंतरिक गड़बड़ी को आपातकाल घोषित किया।

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