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NASA Hindi News: धरती की ओर आ रहा है 720 फीट का विशाल एस्टेरॉयड, यदि टकराया तो धरती हो जाएगी खत्म!

NASA Hindi News: अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने कहा है कि एक 720 फीट व्यास वाला क्षुद्रग्रह तेजी से धरती की ओर बढ़ रहा है। यह 15 सितंबर 2024 को पृथ्वी के सबसे नजदीक बिंदु पर पहुंच जाएगा। हालांकि नासा...
03:39 PM Sep 07, 2024 IST | MP First

NASA Hindi News: अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने कहा है कि एक 720 फीट व्यास वाला क्षुद्रग्रह तेजी से धरती की ओर बढ़ रहा है। यह 15 सितंबर 2024 को पृथ्वी के सबसे नजदीक बिंदु पर पहुंच जाएगा। हालांकि नासा के अनुसार यह पृथ्वी से नहीं टकराएगा परन्तु एस्टेरॉयड्स को लेकर हमारी समझ को बढ़ाने में सहायक होगा। दुनिया भर के वैज्ञानिक इस पर नजर बनाए हुए हैं।

40,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आ रहा है एस्टेरॉयड

NASA ने 2024 ON नामक एक क्षुद्रग्रह के बारे में अलर्ट जारी करते हुए जानकारी दी है कि यह करीब 40 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से धरती की ओर बढ़ रहा है। यह स्पीड इतनी तेज है कि अगर इस रफ्तार से चला जाए तो महज 6 घंटे में पृथ्वी से चंद्रमा तक पहुंचा जा सकता है। यह 15 सितंबर को धरती के निकटतम बिंदु पर होगा और इसकी दूरी 6,20,000 किलोमीटर होगी जो कि पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की कुल दूरी का भी करीब ढाई गुणा है। इसकी खोज के बाद से ही इस पर नजर रखी जा रही है ताकि किसी भी तरह की आपातकालीन स्थिति में सुरक्षा कदम उठाए जा सके।

60 मंजिला बिल्डिंग जितना बड़ा है यह एस्टेरॉयड

वैज्ञानिकों (NASA Hindi News) ने इस क्षुद्रग्रह का व्यास 720 फीट बताया है यानि यह करीब 60 मंजिला बिल्डिंग या दो फुटबॉल मैदानों की लंबाई के बराबर है। फिलहाल इसका आकार और इसकी स्पीड दोनों ही हमारी चिंता के कारण नहीं है बल्कि वैज्ञानिकों के लिए सीखने का अच्छा अवसर है। लेटेस्ट रडार टेक्नोलॉजी और ऑप्टिकल टेलीस्कोप का उपयोग करते हुए वैज्ञानिक 2024 ON एस्टेरॉयड के साइज, आकृति और दूसरी चीजों का विस्तार से अध्ययन कर रहे हैं। इस एस्टेरॉयड पर रिसर्च कर हम भविष्य में होने वाले स्पेस मिशन के लिए महत्वपूर्ण जानकारी एकत्रित कर पाएंगे।

दुनिया भर के वैज्ञानिक जुटे NASA के साथ

एस्टेरॉयड 2024 ON की खोज ने दुनिया भर के वैज्ञानिक समुदाय में भी रुचि जगाई है। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) और दुनिया भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों जैसे संस्थानों के रिसर्चर्स इस क्षुद्रग्रह का अध्ययन करने के लिए नासा (NASA Hindi News) के साथ सहयोग कर रहे हैं। इन प्रयासों में इन खगोलीय पिंडों को बनाने वाली सामग्रियों को बेहतर ढंग से समझने और प्रारंभिक सौर मंडल को जानने और समझना शामिल है। दुनिया भर के देश पृथ्वी के निकट स्थित वस्तुओं से उत्पन्न संभावित खतरों से निपटने के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता को तेजी से पहचान रहे हैं। नासा और ईएसए से जुड़े क्षुद्रग्रह प्रभाव और विक्षेपण आकलन (एआईडीए) मिशन जैसे सहयोगी प्रयास हमारे ग्रह की रक्षा के लिए प्रभावी रणनीति विकसित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

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